कक्षा 9 विज्ञान पाठ 11 ध्वनि एनसीईआरटी अभ्यास के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में दिया गया है। इन एनसीईआरटी समाधान के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। जिससे छात्र कक्षा 9 विज्ञान परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 9 विज्ञान के प्रश्न उत्तर एनसीईआरटी किताब के अनुसार बनाये गए है। कक्षा 9 हिंदी मीडियम के छात्रों की मदद करने के लिए, हमने एनसीईआरटी समाधान से संबंधित सभी सामग्रियों को नए सिलेबस के अनुसार संशोधित किया है। विद्यार्थी ncert solutions for class 9 science chapter 11 hindi medium को यहाँ से निशुल्क में प्राप्त कर सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 11 ध्वनि
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1. किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर: जब किसी वस्तु से ध्वनि निकलती है तो उस वस्तु के आसपास के माध्यम के कणों में कंपन शुरु होता है। सबसे पहले नजदीक वाले कणों में कंपन होता है। उसके बाद आगे के कणों पर बल लगने से उनमें कंपन शुरु हो जाता है। इस प्रकार एक कण से दूसरे कण से होते हुए ध्वनि आगे बढ़ती जाती है। ध्वनि का संचरण हमेशा किसी न किसी माध्यम से होकर होता है; जैसे ठोस, द्रव या गैस। माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ गति करता है न कि माध्यम के कण।
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1. तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है?
- प्रबलता
- तारत्व
उत्तर: (a) प्रबलता : ध्वनि तरंग की प्रबलता उसके आयाम द्वारा निर्धारित की जाती है।
(b) तरंग की आवृत्ति तारत्व को निर्धारित करती है।
2. अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है।
- गिटार
- कार के हॉर्न
उत्तर: गिटार का।
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1. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य, आवृत्ति, आवर्त काल तथा आयाम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: (i) तरंगदैर्घ्य: दो क्रमागत संपीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी तरगदैर्ध्य कहलाती है। SI मात्रक : मीटर (m)
(ii) आवृत्ति: एकांक समय में दोलनों की कुल संख्या ध्वनि तरंग की आवृति कहलाती है। SI मात्रक : हर्ट्ज (Hz)
(iii) आवर्त काल: एक माध्यम में घनत्व के एक संपूर्ण दोलन में लिया गया समय ध्वनि तरंग का आवर्त काल कहलाता है। SI मात्रक : सेकंड (Sec)
(iv) आयाम: किसी माध्यम में मूल स्थिति के दोनों और अधिकतम विक्षोभ को आयाम कहते हैं।
2. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर: तरंग का वेग = आवृत्ति × तरंगदैर्ध्य
⇒ v = ν × λ
3. किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 Hz तथा वेग 440 m/s है। इस तरंग की तरंगदैर्घ्य की गणना कीजिए।
4. किसी ध्वनिस्रोत से 450 m दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500 Hz की ध्वनि सुनता है| स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुँचने वाले दो क्रमागत संपीडनों में कितना समय अंतराल होगा?
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1. ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अंतर बताइए।
उत्तर: प्रबलता: प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है।
तीव्रता: किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।
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1. वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज चलती है?
उत्तर: ध्वनि लोहे में से सबसे तेज 5950 m/s के वेग से चलती है।
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1. कोई प्रतिध्वनि 3 s पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342 ms-1 हो तो स्त्रोत तथा परावर्तक सतह के मध्य कितनी दूरी होगी?
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1. कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती हैं?
उत्तर: कंसर्ट हॉल की छतें वक्रकार इसलिए होती हैं जिसमें कि परावर्तन के पश्चात् ध्वनि हॉल के सभी भागों में पहुँच जाए।
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1. सामान्य मनुष्य के कानों के लिए ध्वनि की श्रव्यता का परिसर क्या है?
उत्तर: औसतन मनुष्य के कान की ध्वनि श्रव्यता का परिसर 20 Hz से 20000Hz है।
2. निम्न से संबंधित आवृत्तियों का परास क्या है?
(a) अवश्रव्य ध्वनि
(b) पराध्वनि
उत्तर: (a) अवश्रव्य ध्वनि : जिस ध्वनि की आवृत्ति 20Hz से कम हो तो उसे अवश्रव्य (Infrasound) ध्वनि कहते हैं।
(b) पराध्वनि : जिस ध्वनि की आवृत्ति 20kHz से अधिक हो उसे पराश्रव्य (Ultrasound) ध्वनि कहते है।
अभ्यास
1. ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर: ध्वनि ऊर्जा का एक रूप है जो वस्तु द्वारा वायु में उत्पन्न कंपन के कारण उत्पन्न होती है।
2. एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्त्रोत के निकट वायु में संपीड़न तथा विरलान कैसे उत्पन्न होते हैं।
जब किसी वस्तु से ध्वनि उत्पन्न होती है तो कंपन से लगे बल के कारण उसके निकट की वायु के कण एक दूसरे के नजदीक आ जाते हैं। कणों की ऐसी स्थिति को संपीड़न कहते हैं। उसके बाद आगे के कणों का संपीड़न होता है और पहले वाले कण एक दूसरे से दूर चले जाते हैं। इस तरह से पहले वाले कणों का विरलन होता है। संपीड़न और विरलन के क्षेत्र एक के बाद एक पैदा होते रहते हैं। संपीड़न और विरलण की ऋंखला बन जाती है जिससे होकर ध्वनि तरंगे आगे बढ़ती हैं।
3. ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों है?
उत्तर: ध्वनि तरंगे माध्यम में संपीड़न तथा विरलन करती है जिसके कारण उनकी गति आगे-पीछे होती है। इसलिए ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य है।
4. ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर: गुणता (Timbre) ध्वनि का वह अभिलक्षण है जो हमें अंधेरे कमरे में बैठे हमारे मित्र की आवाज पहचानने में सहायता करता है।
5. तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकंड गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर: क्योंकि ध्वनि की चाल प्रकाश की चाल से बहुत कम है। इसलिए ध्वनि की हमारे कानों तक पहुंचाने में समय लगता है। अतः तड़ित की चमक हमें पहले दिखाई देती हैं।
6. किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परास 20 Hz से 20 kHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 ms-1 लीजिए।
7. दो बालक किसी ऐलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।
8. किसी ध्वनि स्त्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
9. क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।
उत्तर: हाँ, ध्वनि भी परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं। ध्वनि के परावर्तन का नियमः
(i) आपतित ध्वनि तरंग, परावर्तित ध्वनि तरंग तथा आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब। ये तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) परावर्तक पृष्ठ के आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब तथा ध्वनि के आपतन होने की दिशा तथा परावर्तन होने की दिशा के बीच का कोण आपस में बराबर होते हैं।
i.e., ∠i = ∠r
10. ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक सतह के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक पृष्ठ की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी- (i) जिस दिन ताप अधिक हो? (ii) जिस दिन ताप कम हो?
उत्तर: जिस दिन तापमान कम होगा उस दिन प्रतिध्वनि अधिक जल्दी सुनाई देगी। ऐसा इसलिए होता है कि घनत्व बढ़ने से ध्वनि की चाल बढ़ जाती है।
11. ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर: ध्वनि तरंगों के दो उपयोग:
- ध्वनि तरंगों के परावर्तन का उपयोग जल में स्थित पिंडो की दूरी मापने के लिए किया जाता है।
- ध्वनि तरंगों के परावर्तन का उपयोग कर, स्टैथोस्कोप जो कि एक चिकित्सा यंत्र है की सहायता से मनुष्य के शरीर के अंदर जैसे: हृदय फेफड़े आदि में उत्पन्न होने वाले ध्वनि को सुनने में किया जाता है।
12. 500 मीटर ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? (g = 10ms-2 तथा ध्वनि की चाल = 340ms-1)
उत्तर:
13. एक ध्वनि तरंग 339ms-1 की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्घ्य 1.5 cm हो, तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होंगी?
14. अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर: किसी बड़े हॉल में उत्पन्न होने वाली ध्वनि दीवारों से बारंबार परावर्तन के कारण काफी समय तक बनी रहती है। यह बारंबार परावर्तन, जिसके कारण ध्वनि का स्थायित्व होता है, अनुरणन कहलाता है। यह अवांछनीय होता है क्योंकि अत्यधिक अनुरणन के कारण स्पष्ट सुनाई नहीं देता हैं।
अनुरणन कम करने के निम्न उपाय हैं:
- भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों जैसे संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर अथवा पर्दै लगाते हैं।
- सीटों के पदार्थों का चुनाव इनके ध्वनि अवशोषक गुणों के आधार पर करना।
15. ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर: ध्वनि की प्रबलता का मतलब है कि ध्वनि कितनी धीमी या तेज है। यह ध्वनि तरंग के आयाम पर निर्भर करती है। कम आयाम काम मतलब है धीमी आवाज, जबकि अधिक आयाम से तेज आवाज उत्पन्न होती है।
16. वस्तुओं को साफ़ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर: जिन वस्तुओं को साफ़ करना होता है उन्हें साफ़ करने वाले मार्जन विलयन में पराध्वनि तरंगें भेजी जाती हैं। उच्च आवृत्ति के कारण, धूल, चिकनाई और गंदगी के कण अलग होकर नीचे गिर जाते हैं। इस प्रकार वस्तु पराध्वनि का उपयोग करके पूर्णतया साफ़ की जाती है।
17. किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है वर्णन कीजिए।
उत्तर: पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लॉकों में दरारों, छिद्रों तथा अन्य दोषों का पता लगाने के लिए किया जाता है। धातु के ब्लॉकों में विद्यमान दरार या छिद्र जो बाहर से दिखाई नहीं देते उसकी मजबूती को कम कर देते हैं।
पहले पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती हैं और फिर प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों का उपयोग किया जाता है। यदि कही थोड़ी सी भी दरार या छिद्र होता है, तो पराध्वनि तरंगे परिवर्तित हो जाती हैं जो उस धातु में दोष या कमी की उपस्थिति को दर्शाती है।