कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 प्रकाश एनसीईआरटी के प्रश्न उत्तर

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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 विज्ञान अध्याय 13 प्रकाश

प्रश्न 1: मान लीजिए आप एक अंधेरे कमरे में हैं। क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं ? व्याख्या कीजिए।

उत्तर: नहीं, हम अंधेरे कमरे में वस्तुओं को नहीं देख सकते, इसका कारण यह है कि कमरे में उस समय कोई प्रकाश नहीं होता। हम किसी वस्तु को तब ही देख पाते हैं जब उस वस्तु से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करें। यह प्रकाश वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित अथवा उनसे परावर्तित हुआ हो सकता है।

प्रश्न 2: नियमित तथा विसरित परावर्तन में अंतर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं?

उत्तर: 

नहीं, विसरित परावर्तन का अर्थ है ऐसा बिल्कुल नही है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं। विसरित परावर्तन में भी परावर्तन के सभी नियमो का पालन होता है।  

प्रश्न 3: निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समांतर किरण – पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा। प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
(क) पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज
(ख) चॉक पाऊडर
(ग) गत्ते का पृष्ठ
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल
(ङ) दर्पण
(च) कागज़ का टुकड़ा

उत्तर: 
(क) पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज: नियमित परावर्तन ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लकड़ी की मेज का पृष्ठ पॉलिश होने के साथ साथ समतल भी है।
(ख) चॉक पाऊडर: विसरित परावर्तन क्योंकि चाक पाऊडर रुक्ष पृष्ठ प्रदान करता है।
(ग) गत्ते का पृष्ठ: विसरित परावर्तन, पृष्ठ पर उपस्थित अनियमितताओं के कारण।
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल:  नियमित परावर्तन क्योंकि जल से समतल पृष्ठ बन जाता है।
(ड़) दर्पण:  नियमित परावर्तन क्योंकि इसका पृष्ठ समतल है।
(च) कागज़ का टुकड़ा: नियमित यदि कागज समतल है और विसरित यदि कागज रुक्ष है।

प्रश्न 4: परावर्तन के नियम बताइए।

उत्तर: परावर्तन के दो नियम हैं जो नीचे दिए गए हैं।

  • परावर्तन का पहला नियम: आपतित किरण, आपतन बिंदु पर लम्ब और परावर्तित किरण, ये तीनों एक ही तल में होते हैं।
  • परावर्तन का दूसरा नियम: आपतन कोण और परावर्तन कोण आपस में बराबर होते हैं। दिए गए चित्र में आपतन कोण को नीले रंग से और परावर्तन कोण को लाल रंग से दिखाया गया है।

प्रश्न 5: यह दर्शाने के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर अभिलंब एक हो तल में होते हैं, एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।

उत्तर: जब हम मेज पर कागज की पूरी शीट फैलाते हैं तो यह एक तल को निरूपित करती है। आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण ये सभी इसी तल में होते हैं। जब हम कागज को मोड़ देते हैं तो एक नया तल बन जाता है जो उस तल से भिन्न होता है जिसमें आपतित किरण तथा अभिलम्ब स्थित है। तब आप परावर्तित किरण नहीं देख पाते। यही दर्शाता है कि आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण ये सभी एक एक तल में होते हैं।

अथवा

 इसके लिए एक चार्ट पेपर, टॉर्च और समतल दर्पण लीजिए। टॉर्च के अगले हिस्से पर एक काला कागज चिपका कर उसके बीच एक छोटा छेद कर दीजिए। इससे प्रकाश की एक पतली बीम मिल जाएगी।

  • चार्ट पेपर को टेबल पर इस तरह रखें कि उसका कुछ हिस्सा टेबल के किनारे से आगे रहे। अब दर्पण को चार्ट पेपर पर लंबवत रखिए।
  • दर्पण पर टॉर्च से प्रकाश की बीम इस तरह डालिए ताकि आपतित किरण चार्ट पेपर के तल के साथ चले। अब चार्ट पेपर पर आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब और परावर्तित किरण को मार्क कीजिए।
  • अब चार्ट पेपर के उस भाग को नीचे की तरफ मोड़ दीजिए जो टेबल के बाहर है। उसके बाद पिछले चरण को दोहराइए और आपतित किरण तथा परावर्तित किरण का अवलोकन कीजिए।
  • आप देखेंगे कि चार्ट पेपर के मुड़े हुए हिस्से पर परावर्तित किरण दिखाई नहीं देती है। ऐसा इसलिए होता है कि चार्ट पेपर का मुड़ा हुआ हिस्सा उसके बाकी हिस्से से अलग तल में है। इससे सिद्ध होता है कि आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब और परावर्तित किरण एक ही तल में रहते हैं।

प्रश्न 6: नीचे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :-
(क) एक समतल दर्पण के सामने 1m दूर खड़ा एक व्यक्ति अपने प्रतिबिंब से ______ m दूर दिखाई देता है।
(ख) यदि किसी समतल दर्पण के सामने खड़े होकर आप अपने दाएं हाथ से अपने ______कान को छुएं तो दर्पण में ऐसा लगेगा कि आपका दायां कान ______हाथ से छुआ गया है।
(ग) जब आप मंद प्रकाश में देखते है तो आपकी पुतली का साइज़ _______हो जाता है।
(घ) रात्रि पक्षियों के नेत्रों मैं शलाकाओं की संख्या की अपेक्षा शंकुओं की संख्या_______होती है।

उत्तर:

(क) एक समतल दर्पण के सामने 1m दूर खड़ा एक व्यक्ति अपने प्रतिबिंब से 1 m  दूर दिखाई देता है।
(ख) यदि किसी समतल दर्पण के सामने खड़े होकर आप अपने दाएं हाथ से अपने बाएं कान को छुएं तो दर्पण में ऐसा लगेगा कि आपका दायां कान बाएं हाथ से छुआ गया है।
(ग) जब आप मंद प्रकाश में देखते है तो आपकी पुतली का साइज़ विस्तृत हो जाता है।
(घ) रात्रि पक्षियों के नेत्रों मैं शलाकाओं की संख्या की अपेक्षा शंकुओं की संख्या अधिक होती है।

प्रश्न 7: आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है:-
(क) सदैव 
(ख) कभी–कभी
(ग) विशेष दशाओं में 
(घ) कभी नहीं

उत्तर: (क) सदैव

प्रश्न 8: समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिंब होता है :-
(क) आभासी, दर्पण के पीछे तथा आवर्धित।
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिम्ब के साइज़ के बराबर।
(ग) वास्तविक, दर्पण के पृष्ठ पर तथा आवर्धित।
(घ) वास्तविक, दर्पण के पीछे तथा बिम्ब के साइज़ के बराबर।

उत्तर: (क) आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिम्ब के साइज़ के बराबर।

प्रश्न 9: कैलाइडोस्कोप की रचना का वर्णन कीजिए।

उत्तर: एक दूसरे से किसी कोण पर रखे दर्पणों द्वारा अनेक प्रतिबिंबों के बनने की धारणा का उपयोग बहुमुर्तिदर्शी में भांति-भांति के आकर्षक पैटर्न बनाने के लिए किया जाता है। इसे बनाने के लिए दर्पण की लगभग 15cm लम्बी, 4 cm चौड़ी तीन आयताकार पट्टी लीजिए। हमें इन्हें एक प्रिज्म की आकृति में जोड़ना है। इन्हें गत्ते या मोटे चार्ट पेपर की बनी एक बेलनाकार ट्यूब के एक सिरे को गत्ते की एक ऐसी डिस्क से बंध करना है जिसमें भीतर का दृश्य देखने के लिए एक छिद्र बना हो। डिस्क को टिकाऊ बनाने के लिए इसके नीचे पारदर्शी प्लास्टिक की शीट चिपका दीजिए। ट्यूब के दूसरे सिरे पर समतल कांच की एक वृताकार प्लेट दर्पणों को छूते हुए दृढ़तापूर्वक लगाइए। इस प्लेट पर छोटे-छोटे रंगीन कांच के कुछ टुकड़े रखिए। ट्यूब के इस सिरे को घिसे हुए कांच की प्लेट से बंद कीजिए। रंगीन टुकड़ो की हलचल के लिए पर्याप्त जगह रहने के बाद कैलाइडोस्कोप तैयार हो जाएगा।

प्रश्न 10: मानव नेत्र का एक नामांकित रेखाचित्र बनाइए।

उत्तर:  

प्रश्न 11: गुरमीत लेजर टॉर्च के द्वारा क्रियाकलाप 16.8 को करना चाहता था। उसके अध्यापक ने ऐसा करने से मना किया। क्या अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते हैं ?

उत्तर: अध्यापक ने ऐसा करने से इसलिए मना किया क्योंकि लेजर टॉर्च की किरणों की वजह से रेटिना पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अधिक प्रकाश होने के कारण आँखें ख़राब हो सकती हैं।

प्रश्न 12: वर्णन कीजिए कि आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसे करेंगे।

उत्तर: यह आवश्यक होता है कि हमें नेत्रों की उचित देखभाल करनी चाहिए। यदि कोई समस्या है तो आपको किसी नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। यदि परामर्श दिया जाए तो उचित चशमे का उपयोग कीजिए। नेत्रों के लिए बहुत कम या बहुत अधिक प्रकाश हानिकारक है। अपर्याप्त प्रकाश से नेत्र खिंचाव तथा सरदर्द हो सकता है। सूर्य या किसी शक्तिशाली प्रकाश स्त्रोत को सीधा नहीं देखना चाहिए। अपनी आँखों को कभी भी मत रगडिए। यदि आपके आँखों में किसी प्रकार से धूल के कण चले जाते हैं तो उसको स्वच्छ पानी से धोना चाहिए। अगर तब भी धूल के कण न निकले तो, डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

अथवा

निम्नलिखित तरीको से हम अपनी आँखों की देखभाल कर सकते है-
(i) तीव्र प्रकाश स्त्रोतों जैसे सूर्य का प्रकाश, लेजर या अन्य शक्तिशाली प्रकाश स्त्रोत को लगातार और सीधा नही देखना चाहिए।
(ii) आँखों में धूल या कुछ चला जाए तो उन्हें साफ पानी से धोना चाहिए।उन्हें रगड़ना नही चाहिए। 
(iii) पढ़ते समय वस्तु के बहुत पास जाकर नही पढना चाहिए|उन्हें सामान्य दूरी पर रखकर ही पढना चाहिए।
(iv) आँखों को हमेशा स्वच्छ पानी से ही धोना चाहिए|

प्रश्न 13: यदि परावर्तित किरण आपत्तित किरण से 90° का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा?

उत्तर: हम जानते हैं कि आपतन कोण = परावर्तन कोण
दिया गया है: ∠i + ∠r = 90°
इसलिए, ∠i + ∠i = 90°
या, 2∠i = 90°
या, ∠i = 45°

प्रश्न 14 यदि दो समांतर समतल दर्पण एक दूसरे से 40cm  के अंतराल पर रखे हो तो इनके बीच रखी एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिंब बनेगे?

उत्तर: यदि दो समांतर समतल दर्पण एक दूसरे से 40cm  के अंतराल पर रखे हो तो इनके बीच रखी एक मोमबत्ती के अनंत प्रतिबिंब बनेगे।

प्रश्न 15: दो दर्पण एक दूसरे के लंबवत रखे है। प्रकाश कि एक किरण एक दर्पण पर 30° के कोण पर आपतित होती है जैसा कि चित्र 16.19 में दर्शाया गया है। दूसरे दर्पण से परावर्तित होने वाली परावर्तित किरण बनाइए।

उत्तर:  

प्रश्न 16: चित्र 16.20 में दर्शाए अनुसार बूझो एक समतल दर्पण के ठीक सामने पार्श्व से कुछ हटकर एक किनारे A पर खड़ा होता है। क्या वह स्वयं को दर्पण में देख सकता है? क्या वह P, Q तथा R पर स्थित वस्तुओ के प्रतिबिंब भी देख सकता है?

उत्तर:  नहीं, वह स्वयं को दर्पण में नहीं देख पाएगा। वह P, Q पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिंब को तो देख सकता है लेकिन वह R पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिंब नहीं देख सकता।

प्रश्न 17: (क) A पर स्थित किसी वस्तु के समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
(ख) क्या स्थिति B से पहेली प्रतिबिंब को देख सकती है?
(ग) क्या स्थिति C से बूझो इस प्रतिबिंब को देख सकता है?
(घ) जब पहेली B से C पर चली जाती है तो A का प्रतिबिंब किस ओर खिसक जाता है?

उत्तर: 

(क) स्थिति A में वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनेगा। यह दर्पण से वस्तु के समान दूरी पर बनेगा। 
(ख) हाँ ,स्थिति B में पहेली प्रतिबिंब को देख सकती है। A से परावर्तित किरण Bतक पहुचेगी।
(ग) बूझो छवि को भी देख सकता है क्योंकि उसकी आँखें भी A से परावर्तित किरण को देखेंगी। 
(घ) B और C से परावर्तित किरण दर्पण के पीछे बिंदु पर प्रतिच्छेद करती हैं। अत: A की स्थिति वही रहती है।

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