कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास पाठ 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तन की पड़ताल एनसीईआरटी अभ्यास के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में दिया गया है। इन एनसीईआरटी समाधान के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। जिससे छात्र कक्षा 7 इतिहास परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 7 इतिहास के प्रश्न उत्तर एनसीईआरटी किताब के अनुसार बनाये गए है। कक्षा 7 हिंदी मीडियम के छात्रों की मदद करने के लिए, हमने एनसीईआरटी समाधान से संबंधित सभी सामग्रियों को नए सिलेबस के अनुसार संशोधित किया है। विद्यार्थी ncert solutions for class 7 social science history chapter 1 hindi medium को यहाँ से निशुल्क में प्राप्त कर सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 इतिहास अध्याय 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तन की पड़ताल
1. अतीत में विदेशी’ किसे माना जाता था?
उत्तर: मध्यकाल में गाँव में आने वाला कोई भी अनजान व्यक्ति जो समाज और संस्कृति का अंग न हो, ‘विदेशी’ कहलाता था। ऐसे व्यक्ति को हिंदी में परदेसी और फारसी में अजनबी कहा जा सकता है।
2. नीचे उल्लिखित बातें सही है या गलत:
(क) सन् 700 के बाद के काल के संबंध में अभिलेख नहीं मिलते हैं।
(ख) इस काल के दौरान मराठों ने अपने राजनीतिक महत्त्व की स्थापना की।
(ग) कृषि-केंद्रित बस्तियों के विस्तार के साथ कभी-कभी वनवासी अपनी जमीन से उखाड़ बाहर कर दिए जाते थे।
(घ) सुलतान ग़यासुद्दीन बलबन असम, मणिपुर तथा कश्मीर का शासक था।
उत्तर: (क) सही, (ख) सही, (ग) सही, (घ) गलत।
3. रिक्त स्थानों को भरें:
(क) अभिलेखागारों में …………….. रखे जाते हैं।
(ख) ……………… चौदहवीं सदी का एक इतिहासकार था।
(ग) ………….. , …………… , …………. , ……………. और …………… इस उपमहाद्वीप में इस काल के दौरान लाई गई कुछ नई फसलें हैं।
उत्तर: (क) दस्तावेज (ख) जियाउद्दीन बरनी (ग) आलू, मक्का, मिर्च, चाय-कॉफी।
4. इस काल में हुए कुछ प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों की तालिका दें।
उत्तर: 700 से 1750 के बीच के हज़ार वर्षों में अलग-अलग समय पर नई प्रौद्योगिकी का विकास हुआ। जैसे सिंचाई में रहट, कताई में चरखे और युद्ध में आग्नेयास्त्रों (बारूद वाले हथियारों) का प्रयोग शुरू हो गया था।
5. इस काल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तनों की जानकारी दें।
उत्तर: हिंदू धर्म में कई नये भगवानों की पूजा होने लगी। शासक वर्ग द्वारा मंदिर बनवाए गए। समाज में ब्राह्मणों का महत्व पहले से अधिक हो गया। हिंदू धर्म में जो सबसे बड़ा बदलाव आया वह था भक्ति के भाव की शुरुआत।
इस्लाम धर्म व्यापारियों और प्रवासियों के साथ भारत में सातवीं सदी में आया। इस धर्म के अनुयायियों को मुसलमान कहते हैं। उनका धार्मिक ग्रंथ कुरान है और वे एक ही ईश्वर यानि अल्ला में विश्वास करते हैं।
6. पिछली कई शताब्दियों में हिंदुस्तान’ शब्द का अर्थ कैसे बदला है?
उत्तर: आज हिंदुस्तान का मतलब हम आधुनिक भारत देश से लगाते हैं। लेकिन जब 13 वीं सदी में फारसी इतिहासकार मिन्हाज-ए-सिराज ने हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल किया था तो भौगोलिक संदर्भ में इसका मतलब था पंजाब, हरियाणा और गंगा यमुना के बीच वाला इलाका। राजनैतिक संदर्भ में हिंदुस्तान का मतलब था दिल्ली के सुल्तान के अधीन आने वाले इलाके। सोलहवीं सदी में बाबर ने हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल भारतीय उपमहाद्वीप के भूगोल, संस्कृति, प्राणिजात और लोगों के लिए किया था। चौदहवीं सदी में अमीर खुसरो ने हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल कुछ कुछ वैसे ही किया था जैसे बाबर ने किया था।
7. जातियों के मामले कैसे नियंत्रित किए जाते थे?
उत्तर: जातियाँ स्वयं अपने-अपने नियम बनाती थी, जिससे कि वे अपनी जाति के सदस्यों के व्यवहार को नियंत्रित कर सके। इन नियमों का पालन जाति के बड़े बुजुर्गों की एक सभा करवाती थी, जिसे कुछ इलाकों में जाति | पंचायत’ कहा जाता था, लेकिन जातियों को अपने निवास के गाँवों के रिवाजों का पालन भी करना पड़ता था।
8. सर्वक्षेत्रीय साम्राज्य से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: सर्वक्षेत्रीय साम्राज्य से तात्पर्य उस साम्राज्य से है जो अनेक क्षेत्रीय राज्यों को मिलाकर बना हो; जैसे-सल्तनत साम्राज्य, मुगल साम्राज्य आदि।
9. पांडुलिपियों के उपयोग में इतिहासकारों के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ आती हैं?
उत्तर: उस जमाने में छपाई नहीं होती थी, इसलिए लिपिक वर्ग के लोग हाथों से ही पांडुलिपि की नकल बनाया करते थे। कई बार किसी के हाथ की लिखावट स्पष्ट न होने के कारण यह एक मुश्किल काम होता था। इसलिए कॉपी करते समय लिपिक को कई बार यह अनुमान लगाना पड़ता था कि मूल लेखक ने क्या लिखा होगा। इसके परिणामस्वरूप कॉपी करते समय छोटे मोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव हो ही जाते थे। कई बार नकल होने के बाद मूल पांडुलिपि और उसकी नकल में बड़ा भारी अंतर आ जाता था। आज मूल पांडुलिपि शायद ही उपलब्ध है, इसलिए इस तरह का अंतर बहुत ही गंभीर समस्या उत्पन्न करती है। बात को सही तरह से समझने के लिए इतिहासकार कई नकलों का अध्ययन करते हैं ताकि यह अनुमान लगा सकें कि मूल लेखक ने क्या लिखा होगा।
10. इतिहासकार अतीत को कालों या युगों में कैसे विभाजित करते हैं? क्या इस कार्य में उनके सामने कोई कठिनाई आती है?
उत्तर: अधिकतर इतिहासकार आर्थिक तथा सामाजिक कारकों के आधार पर ही अतीत के कालखंडों की विशेषताएँ तय करते हैं। इन आधारों पर इतिहास को प्राचीन, मध्य और आधुनिक कालों में बाँटा गया है। काल-क्रम को विभाजित करते समय इतिहासकारों के सामने यह समस्या उत्पन्न होती है कि वे किस महत्त्वपूर्ण घटना के बाद कालक्रम का विभाजन करें।
11. अध्याय में दिए गए मानचित्र 1 अथवा मानचित्र 2 की तुलना उपमहाद्वीप के आज के मानचित्र से करें। तुलना करते हुए दोनों के बीच जितनी भी समानताएँ और असमानताएँ मिलती हैं, उनकी सूची बनाइए।
उत्तर: मानचित्र 1 अरब भूगोलवेत्ता अल इद्रीसी ने 1154 में बनाया था। मानचित्र 2 एक फ्रांसीसी मानचित्रकार ने 1720 में बनाया था। दोनों मानचित्र में कुछ समानता और असमानता थीं।
दोनों मानचित्र में समानता
(i) इस मानचित्र में वर्तमान मानचित्र की भाँति भारतीय उपमहाद्वीप को दर्शाया गया है। इस मानचित्र में कुछ जाने-पहचाने नाम भी हैं; जैसे-कन्नौज, सूरत आदि।
असमानता
(ii) अल इद्रीसी के नक्शे में दक्षिण भारत उस जगह है, जहाँ हम आज उत्तर भारत हुँखेंगे और श्रीलंका का द्वीप ऊपर की तरफ है। जगहों के नाम अरबी में दिए गए हैं। यह मानचित्र आज के मानचित्र से काफी भिन्न हैं, लेकिन फ्रांसीसी मानचित्रकार के मानचित्र में आज के मानचित्र से थोड़ी-सी भिन्नता है; जैसे – बम्बई क्षेत्र और गुजरात क्षेत्र का मानचित्र आज से भिन्न है।
12. पता लगाइए कि आपके गाँव या शहर में अभिलेख (रिकॉर्ड) कहाँ रखे जाते हैं। इन अभिलेखों को कौन तैयार करता है? क्या आपके यहाँ कोई अभिलेखागार है? उसकी देखभाल कौन करता है? वहाँ किस तरह के दस्तावेज़ संगृहीत हैं? उनका उपयोग कौन लोग करते हैं?
उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों के अभिलेख (रिकॉर्ड) जिला मुख्यालय में रखे जाते हैं, इन अभिलेखों को विभिन्न विभाग के कर्मचारी तैयार करते हैं तथा शहरों के अभिलेख नगर निगम कार्यालयों में रखे जाते हैं और ऐतिहासिक अभिलेख को अभिलेखागारों में रखा जाता है। अभिलेखागार की देखभाल उसके अंदर नियुक्त कर्मचारियों द्वारा की जाती है। इनका उपयोग शोधार्थियों द्वारा अथवा विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर किया जाता है।