कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र पाठ 1 समानता एनसीईआरटी अभ्यास के प्रश्न उत्तर सरल अक्षरों में दिया गया है। इन एनसीईआरटी समाधान के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। जिससे छात्र कक्षा 7 नागरिक शास्त्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 7 नागरिक शास्त्र के प्रश्न उत्तर एनसीईआरटी किताब के अनुसार बनाये गए है। कक्षा 7 हिंदी मीडियम के छात्रों की मदद करने के लिए, हमने एनसीईआरटी समाधान से संबंधित सभी सामग्रियों को नए सिलेबस के अनुसार संशोधित किया है। विद्यार्थी ncert solutions for class 7 social science civics chapter 1 hindi medium को यहाँ से निशुल्क में प्राप्त कर सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 नागरिक शास्त्र अध्याय 1 समानता
1. लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: लोकतंत्र का मतलब है ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें सरकार का चुनाव जनता करती है, यानि जनता के पास असली अधिकार होते हैं। यह तभी संभव है जब हर नागरिक के पास समान अधिकार होंगे। इसलिए लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क्त मताधिकार महत्वपूर्ण है।
2. बॉक्स में दिए गए संविधान के अनुच्छेद के अंश को पुन: पढ़िए और दो ऐसे तरीके बताइए, जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है?
उत्तर: ऐसे दो तरीके जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है नीचे दिए गए हैं।
- राज्य (यानि सरकार) किसी भी नागरिक से भेदभाव नहीं करेगी, यानि कानून और सरकार के लिए हर नागरिक एक समान होगा।
- हर नागरिक को सार्वजनिक स्थानों के इस्तेमाल का बराबर अधिकार दिया गया है।
3. “कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं” इस कथन से आप क्या समझते हैं? आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर: इस कथन का मतलब है हर व्यक्ति पर एक जैसा कानून ही लागू होता है चाहे वह किसी भी ओहदे पर हो, उसकी आर्थिक हैसियत कैसी भी हो, वह किसी भी धर्म या जाति से हो, वह महिला हो या पुरुष हो। लोकतंत्र में नागरिक ही सर्वोपरि होता है इसलिए हर नागरिक को समान अधिकार मिलना जरूरी है। इसलिए सबके लिए एक समान कानून भी महत्वपूर्ण है ताकि कोई किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ अपने अधिकारों या अपनी शक्ति का दुरुपयोग न करे।
4. दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार उनको समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्व है। सरकार को उन्हें नि:शुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूलों की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता है कि सभी सार्वजनिक स्थल, जैसे भवन, स्कूल आदि में ढ़लान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुँचना सरल हो।
चित्र को देखिए और उस बच्चे के बारे में सोचिए, जिसे सीढ़ियों से नीचे लाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि इस स्थिति में उपर्युक्त कानून लागू किया जा रहा है? वह भवन में आसानी से आ-जा सके, उसके लिए क्या करना आवश्यक है? उसे उठाकर सीढ़ियों से उतारा जाना, उसके सम्मान और उसकी सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: इस स्थिति में उपर्युक्त कानून नहीं लागू हो रहा है। भवन में विकलांगों के लिए ढ़लान (रैंप) बनाने से कोई भी विकलांग आसानी से अपनी व्हीलचेयर लेकर कहीं भी आ जा सकता है। इससे उसका आत्मसम्मान बढ़ेगा। जब कोई किसी विकलांग को सहारा देता है या उससे जरूरत से अधिक सहानुभूति दिखाता है तो विकलांग के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है। सीढ़ियों से उतारने का यह तरीका बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। यह लड़का गिर सकता है, उसे चोट पहुँच सकती है या फिर वह गंभीर रूप से घायल हो सकता है।
Extra Question
प्रश्न: ओमप्रकाश वाल्मीकि का अनुभव, अंसारी दंपति के अनुभव से किस प्रकार मिलता था?
उत्तर: ओमप्रकाश वाल्मीकि को उनकी जाति के कारण भेदभाव झेलना पड़ा था। अंसारी दंपति को उनके धर्म के कारण भेदभाव झेलना पड़ा था। दोनों ही स्थितियों में इन लोगों के आत्मसम्मान को ठेस पहुँची थी।
अथवा
ओमप्रकाश वाल्मीकि और अंसारी दंपति का अनुभव निम्न रूप से समान था
- ओमप्रकाश वाल्मीकि को समाज के अन्य उच्च वर्गों के छात्रों से अलग फर्श पर बैठना पड़ता था और शिक्षकों के द्वारा भी उससे झाड़ लगवाया जाता था, उसी तरह से अंसारी दंपति को भी लोग अपने मकान में कमरा नहीं देना चाहते थे।
- ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ असमानता का व्यवहार जातिगत कारणों से किया गया था, जबकि अंसारी दंपति के साथ असमानता का व्यवहार धार्मिक कारणों से किया गया था।