छात्र यहाँ से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 7 ग्रामीण क्षेत्र आजीविका में प्राप्त कर सकते हैं। हमने पाठ के सभी प्रश्नों को सरल और आसान भाषा में हल करके उत्तर दिया हैं, ताकि विद्यार्थी इसे आसानी से समझ सकें। NCERT solutions class 6 social science civics chapter 7 for hindi medium को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है। कक्षा 6 हिंदी मीडियम के छात्रों की मदद करने के लिए हमने कक्षा 6 नागरिक शास्त्र एनसीईआरटी समाधान से संबंधित सभी सामग्रियों को नए सिलेबस के अनुसार संशोधित किया है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 7 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका
प्रश्न 1: आपने सम्भवत: इस बात पर ध्यान दिया होगा कि कलपट्टु के लोग खेती के अलावा और भी कई काम करते हैं। उनमें से पाँच कामों की सूची बनाइए।
उत्तर: कलपट्टु के लोग खेती के अलावा कपड़ा धोने, बुनने, नाई, शिक्षक और नर्स आदि का काम करते हैं।
प्रश्न 2: कलपट्टु में विभिन्न तरह के लोग खेती पर निर्भर हैं। उनकी एक सूची बनाइए। उनमें से सबसे गरीब कौन है और क्यों?
उत्तर: कलपट्टु में बड़े किसान, छोटे किसान और भूमिहीन किसान सभी खेती पर निर्भर हैं। भूमिहीन किसान उनमें सबसे गरीब होते हैं, क्योंकि उनके पास अपनी ज़मीन नहीं होती है। वे अपने जीवन-यापन के लिए और भी कई छोटे छोटे काम करते तो हैं, लेकिन उससे भी उन्हें बहुत कम मजदूरी मिलती है।
प्रश्न 3: कल्पना कीजिए कि आप एक मछली बेचने वाले परिवार की एक सदस्य हैं। आपका परिवार यह चर्चा कर रहा है कि इंजन के लिए बैंक से उधार लें कि न ले। आप क्या कहेंगी?
उत्तर: मैं इंजन खरीदने के लिए बैंक से उधार लेना चाहूँगी, क्योंकि बैंक का ब्याज दर कम होता है। कैटामरैन (मछुआरों की खास तरह की छोटी नाव) में इंजन लग जाने से गहरे पानी में जाना आसान हो जाएगा। इससे मछली ज्यादा पकड़ी जायेगी और आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। इससे कारगर योजनाओं के साथ समय पर ऋण चुकाना भी आसान हो जाएगा।
प्रश्न 4: तुलसी जैसे गरीब ग्रामीण मजदूर के पास अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाओं और अन्य साधनों का अभाव होता है। आपने इस किताब की पहली इकाई में असमानता के बारे में पढ़ा। तुलसी और रामलिंगम के बीच का अंतर एक तरह का असमानता ही है। क्या यह एक उचित स्थिति है? आपके विचार में इसके लिए क्या किया जा सकता है? कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर: तुलसी और रामलिंगम के बीच का अंतर एक अच्छी स्थिति नहीं है। ये असमानता उनकी आय में अंतर के कारण उत्पन्न हुई है। इसके लिए सरकार को तुलसी जैसे किसानों की स्थिति में सुधार के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। न्यूनतम मजदूरी दर को कड़ाई से लागू करना चाहिए, जिससे तुलसी जैसे मजदूर की आय बढ़ सके। ग्रामीण रोजगार योजना के तहत तुलसी जैसे मजदूर को रोजगार मुहैया करवाना चाहिए।
प्रश्न 5: आपके अनुसार सरकार शेखर जैसे किसानों को कर से मुक्ति दिलाने में कैसे मदद कर सकती है? चर्चा कीजिए।
उत्तर: सरकार को एक ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि शेखर जैसे मजदूर अपनी उपज कर्जदारो के हाथों बेचने को मजबूर न हो। न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ शेखर जैसे किसानों के पास पहुँचना चाहिए। कटाई के समय फसलों की खरीदारी में सरकार को शेखर जैसे छोटे किसानों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
प्रश्न 6: नीचे दी गई तालिका भरते हुए शेखर और रामलिंगम की स्थितियों की तुलना कीजिए:
उत्तर:
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्त
प्रश्न 1: हमारे देश के ग्रामीण परिवारों में कितना प्रतिशत खेतिहर मजदूर हैं?
उत्तर: हमारे देश के ग्रामीण परिवारों में 40 प्रतिशत खेतिहर मजदूर हैं।
प्रश्न 2: भारत में कितने प्रतिशत किसान बड़े किसानों की श्रेणी में आते हैं?
उत्तर: भारत में 20 प्रतिशत किसान बड़े किसानों की श्रेणी में आते हैं।
प्रश्न 3: सीढ़ीनुमा खेती क्या होती है? इसमें किस चीज की खेती होती है?
उत्तर: पहाड़ी की ढ़लाऊ ज़मीन को छोटे छोटे सपाट टुकड़ों में बाँट दिया जाता है और उस जमीन को सीढ़ियों के रूप में बदल दिया जाता है। प्रत्येक सपाट टुकड़े के किनारों को उपर उठा दिया जाता है, जिससे पानी ठहरा रह सके। इसमें चावल की खेती सबसे अच्छी तरह से होती है।
प्रश्न 4: भारत के किसान साल के ज्यादातर महीने खाली क्यों रहते हैं?
उत्तर: भारत की खेती का आधार मौसमों पर टिका है। इसलिए साल के कुछ महीने ही इससे रोजगार मिल पाता है। मजदूर साल के कुछ महीने ही जुताई, बुआई, निराई और कटाई जैसे कृषि कार्य में व्यस्त रहते हैं। बाकी महीनों में उसके पास कोई काम नहीं रहता है।
प्रश्न 5: भारत में फसलो की बिक्री के बाजार की क्या स्थिति है?
उत्तर: यहाँ के बाजार में कटाई के समय फसलों की अच्छी कीमत नहीं मिल पाती है। ऐसे में किसानों को अपना अनाज औने पौने दामों में बेचना पड़ता है। कई बार बिचौलिए और साहुकारों के कारण भी उन्हें अपना अनाज कम दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ता है। सरकार किसानों की मदद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करती है। फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया(एफ सी आइ) द्वारा कटाई के महीने में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदा जाता है।