कक्षा 10 भूगोल पाठ 6 विनिर्माण उद्योग एनसीईआरटी अभ्यास के प्रश्न उत्तर सरल अक्षरों में दिया गया है। इन एनसीईआरटी समाधान के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं, जिससे छात्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 10 भूगोल के प्रश्न उत्तर एनसीईआरटी किताब के अनुसार बनाये गए है। हिंदी मीडियम के छात्रों की मदद करने के लिए हमने एनसीईआरटी समाधान से संबंधित सभी सामग्रियों को नए सिलेबस के अनुसार संशोधित किया है। विद्यार्थी ncert solutions for class 10 social science geography chapter 6 hindi medium को यहाँ से निशुल्क में प्राप्त कर सकते हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 भूगोल अध्याय 6 विनिर्माण उद्योग
1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) निम्न में से कौन-सा उद्योग चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त करता है?
(क) एल्यूमिनियम
(ख) प्लास्टिक
(ग) सीमेंट
(घ) मोटरगाड़ी
उत्तर: (क) एल्यूमिनियम
(ii) निम्न में से कौन–सा उद्योग बॉक्साइट को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करता है?
(क) एल्यूमिनियम प्रगलन
(ख) सीमेंट
(ग) कागज़
(घ) स्टील।
उत्तर: (क) एल्यूमिनियम प्रगलन
(iii) निम्न में से कौन-सा उद्योग दूरभाष, कंप्यूटर आदि संयंत्र निर्मित करते हैं?
(क) स्टील
(ख) एल्यूमिनियम प्रगलन
(ग) इलेक्ट्रॉनिक
(घ) सूचना प्रौद्योगिकी।
उत्तर: (ग) इलेक्ट्रॉनिक
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) विनिर्माण क्या है?
उत्तर: कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को वस्तु निर्माण या विनिर्माण कहते हैं; जैसे-लकड़ी से कागज बनाना, गन्ने से चीनी बनाना तथा लौह अयस्क से लोहा इस्पात संयंत्र लगाना आदि। विनिर्माण उद्योग किसी भी देश के विकास की रीढ़ माने जाते हैं, क्योंकि ये कृषि के आधुनिकीकरण के साथ-साथ अन्य उद्योगों के विकास में भी सहायक होते हैं। |
(ii) उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक बताएँ।
उत्तर: उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक निम्नलिखित है-
(i) कच्चे माल की प्राप्ति।
(ii) शक्ति के साधन।
(iii) उपयुक्त जलवायु।
अथवा
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले भौतिक कारक निम्नलिखित हैं
- कच्चे माल की उपलब्धता-अधिकांश उद्योग वहीं स्थापित किए जाते हैं जहाँ उनके लिए कच्चा माल आसानी से उपलब्ध हो सके। जैसे-अधिकांश लोहा इस्पात उद्योग प्रायद्वीपीय भारत में ही हैं, क्योंकि वहाँ लोहे की खाने हैं और कच्चा माल आसानी से प्राप्त हो जाता है।
- शक्ति के विभिन्न साधन-जहाँ उद्योगों को चलाने के लिए शक्ति के विभिन्न साधन प्राप्त हो जाएँगे वहीं उद्योगों | की स्थापना की जाएगी।
- जेल की सुलभता-विभिन्न उद्योगों के लिए जल की आवश्यकता होती है। जिन क्षेत्रों में जल सुलभता से प्राप्त होता है वहाँ उद्योग स्थापित किए जाते हैं। जैसे-प० बंगाल में जूट मीलें इसलिए स्थापित हैं क्योंकि वहाँ हुगली नदी से पानी मिल जाता है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
(i) उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं?
उत्तर: उद्योग पर्यावरण को निम्नलिखित तरीके से प्रदूषित करते है:
(i) वायु प्रदूषण – चिमनी से निकलने वाला धुआँ वायु को प्रदूषित करता है। अनचाही गैसे जैसे सल्फर डाईऑक्साइ तथा कार्बन मोनोऑक्साइड वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। छोटे-बड़े कारखाने प्रदूषण के नियमों का उलंघन करते हुए धुआँ निष्कासित करते है। जहरीली गैसों का रिसाव बहुत भयानक होता है। यह मानव स्वास्थ्य, पशुओं पौधों और पुरे पर्यावरण पर दुष्प्रभाव डालती है।
(ii) जल प्रदूषण – उद्योगों से निकला हुआ जल अपने से 8 गुना अधिक ताजे जल को प्रदूषित करता है। उद्योगों द्वारा कार्बनिक और अकार्बनिक अपशिष्ट प्रदार्थों के नदी में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है। जल प्रदूषण के प्रमुख कारक- कागज, रसायन, वस्र चमड़ा उद्योग आदि है। भारी धातुएँ जैसे सीसा, पारा आदि जल में वाहित करते है।
(iii) तापीय प्रदूषण – कारखानों तथा तापघरों से गर्म जल को बिना ठंडा किए नदियों और तालाबों में छोड़ देने पर तापीय प्रदूषण होता है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के अपशिष्ट व परमाणु शस्त्र उत्पादक कारखानों से जन्मजात विकार आदि होते है।
(iv) ध्वनि प्रदूषण – कुछ उद्योगों से ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इससे श्रवण असक्षमता ही नहीं, रक्तचाप आदि समस्याएँ भी उत्पन्न होती है। औद्योगिक तथा निर्माण कार्य, गैस यांत्रिक, जेनरेटर आदि भी ध्वनि उत्पन करते है जो ध्वनि प्रदूषण का कारण बनती है।
(ii) उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों की चर्चा करें।
उत्तर: उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए गए हैं
- नदियों व तालाबों में गर्म जल तथा अपशिष्ट पदार्थों को प्रवाहित करने से पहले उनका शोधन करना चाहिए
जिससे जल प्रदूषित न हो। - कोयले, लकड़ी या खनिज तेल से पैदा की गई बिजली जो हवा को प्रदूषित करती है, के स्थान पर जल द्वारा पैदा | की गई बिजली का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे में वातावरण शुद्ध रहेगा।
- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कारखानों में ऊँची चिमनियाँ, चिमनियों में एलेक्ट्रोस्टैटिक अवक्षेपण स्क्रबर उपकरण तथा गैसीय प्रदूषक पदार्थों को जड़त्वीय रूप से पृथक करने के लिए उपकरण होना चाहिए। कारखानों में कोयले की अपेक्षा तेल व गैस के प्रयोग से धुंए के निष्कासन में कमी लायी जा सकती है।
- ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए जेनरेटरों में साईलेंसर लगाया जा सकता है। ऐसी मशीनरी का प्रयोग तभी किया जाए जो ऊर्जा सक्षम हों तथा कम ध्वनि प्रदूषण करें। ध्वनि अवशोषित करने वाले उपकरणों के इस्तेमाल के साथ कानों पर शोर नियंत्रण उपकरण भी पहनने चाहिए।
- फैक्ट्रियों से निकले प्रदूषित जल को वहीं इकट्ठा करके रासायनिक प्रक्रिया द्वारा उसे साफ किया जाए और बार बार प्रयोग में लाया जाए। ऐसे में नदियों और आस-पास की भूमि का प्रदूषण काफी हद तक रुक जाएगा।
क्रियाकलाप
उद्योगों के संदर्भ में प्रत्येक के लिए एक शब्द दें ( सांकेतिक अक्षर संख्या कोष्ठक में दी गई है तथा उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं )
(i) मशीनरी चलाने में प्रयुक्त (5) P…………………..
(ii) कारखानों में काम करने वाले व्यक्ति (6) W…………………
(iii) उत्पाद को जहाँ बेचा जाता है। (6) M…………………
(iv) वह व्यक्ति जो सामान बेचता है। (8) R…………………..
(v) वस्तु उत्पादन (7) P…………………..
(vi) निर्माण या उत्पादन (11) M……………….
(vii) भूमि, जल तथा वायु अवनयन (9) P…………………..
उत्तर: (i) POWER
(ii) WORKER
(iii) MARKET
(iv) RETAILER
(v) PRODUCT
(vi) MANUFACTURE
(vii) POLLUTION
प्रोजेक्ट कार्य
अपने क्षेत्र के एक कृषि आधारित तथा एक खनिज आधारित उद्योग को चुनें।
(i) ये कच्चे माल के रूप में क्या प्रयोग करते हैं?
(ii) विनिर्माण प्रक्रिया में अन्य निवेश क्या हैं जिनसे परिवहन लागत बढ़ती है?
(iii) क्या ये कारखाने पर्यावरण नियमों का पालन करते हैं?
उत्तर:
एक कृषि-आधारित उद्योग ।
• चीनी उद्योग
(i) गन्ना
(ii) श्रम, पूंजी, बिजली, जल
(iii) कुछ हदतक ये कारखाने पर्यावरण नियमों का पालन करते हैं।
एक खनिज-आधारित उद्योग
• सीमेंट उद्योग
(i) चूना, पत्थर, सिलिका, एल्यूमिना और जिप्सम
(ii) श्रम, पूंजी, बिजली
(iii) ये कारखाने पर्यावरण नियमों का पालन बिल्कुल नहीं करते हैं।
क्रियाकलाप
निम्न वर्ग पहेली में क्षैतिज अथवा ऊर्ध्वाधर अक्षरों को जोड़ते हुए निम्न प्रश्नों के उत्तर दें।
नोट: पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
उत्तर:
1. AGRO-BASED
2. SUGARCANE
3. JUTE
4. IRON STEEL
5. BHILAI
6. VARANASI
(ii) निम्न में से कौन-सी एजेंसी सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील को बाजार में उपलब्ध कराती है?
(क) हेल (HAIL)
(ख) सेल (SAIL)
(ग) टाटा स्टील (TATA STEEL)
(घ) एमएनसीसी (MNCC)
उत्तर: (ख) सेल (SAIL)
(iii) औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक बताएँ।
उत्तर: औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक निम्नलिखित है-
(i) श्रम,
(ii) बाजार,
(iii) परिवहन और संचार की सुविधाएँ।
अथवा
औद्योगिक अवस्थिति को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक निम्नलिखित हैं
- सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता-जहाँ विभिन्न उद्योगों में काम करने के लिए सस्ते श्रमिक उपलब्ध होते हैं वहाँ । अधिकांश उद्योग स्थापित किए जाते हैं।
- संचार एवं परिवहन के साधन-विभिन्न उद्योगों में कच्चा माल पहुँचाने तथा तैयार माल बाजार तक ले जाने के लिए संचार एवं परिवहन के अच्छे साधन जरूरी हैं। जहाँ ये साधन अच्छे होंगे वहाँ अधिकांश उद्योग लगाए जाते हैं।
- पूँजी व बैंक की सुविधाएँ-विभिन्न उद्योगों को लगाने के लिए बड़ी पूँजी की आवश्यकता होती है। जिन क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएँ अच्छी होती हैं वहाँ अधिकांश उद्योग खोले जाते हैं।
(iv) आधारभूत उद्योग क्या है? उदाहरण देकर बताएँ।
उत्तर: जिनका निर्मित सामान दूसरे उद्योगों के आधार पर होता है वे आधारभूत उद्योग कहलाते है। उदाहरण के लिए -लोहा और इस्पात उद्योग तथा रसायन उद्योग।
अथवा
वे उद्योग जो केवल अपने लिए ही महत्त्वपूर्ण नहीं हैं बल्कि बहुत से उद्योग इन उद्योगों पर निर्भर करते हैं। इसलिए, ये महत्त्वपूर्ण हैं। ऐसे उद्योगों को आधारभूत उद्योग कहते हैं। जैसे-लोही इस्पात उद्योग एक आधारभूत उद्योग है, क्योंकि अन्य सभी भारी, हल्के और मध्यम उद्योग इनसे बनी मशीनरी पर निर्भर हैं। विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग सामान, निर्माण सामग्री, रक्षा, चिकित्सा, टेलीफोन, वैज्ञानिक उपकरण और विभिन्न प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माण के लिए इस्पात की आवश्यकता होती है।
(i) संकलित इस्पात उद्योग मिनी इस्पात उद्योगों से कैसे भिन्न है? इस उद्योग की क्या समस्याएँ हैं? किन सुधारों के अंतर्गत इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है?
उत्तर: वर्तमान समय में भारत में दस समन्वित इस्पात संयंत्र तथा अनेक मिनी इस्पात हैं। समन्वित्त इस्तपात उद्योग मिनी इस्पात उद्योगों से निम्नलिखित प्रकार से भिन्न है-
(i) समन्वित संयत्र बहुत बड़े होते हैं जबकि लघु संयत्र अपेक्षाकृत छोटे होते हैं।
(ii) समन्वित इस्पात संयंत्र बड़े होते है। वे आधारभूत उद्योग की तरह कार्य करते है, जो लौह इस्तपात से सम्बंधित उद्योगों को तैयार करते है। ये निर्माण सामग्री, रक्षा उपकरण आदि बनाते है। इसके विपरीत मिनी सयंत्र एक या दो वस्तुओं का निर्माण करते है।
(iii) उपभोक्ता वस्तुओं के उद्योग भी समन्वित संयंत्रों से कच्चा माल लेते है। जबकि लघु संयंत्र छोटे पैमाने पर कच्चा माल अन्य उद्योगों को प्रदान करता है।
समन्वित्त इस्तपात उद्योग की निम्नलिखित समस्याएँ हैं:
(i) इन उद्योगों को भारी परिवहन खर्च वहन करना होता है।
(ii) इन उद्योगों के लिए एक कुशल परिवहन जाल की आवश्यकता होती है।
(iii) भारत में प्रति व्यक्ति इस्पात का उपभोग बहुत कम है।
(iv) कुकिंग कोयले की ऊँची कीमत, श्रम की निम्न उत्पादकता, निम्न संसाधन आदि के कारण ये हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होते है।
निम्नलिखित सुधारों के अंतर्गत इसकी उत्पादक क्षमता बढ़ी है-
(i) उदारीकरण और विदेशी निवेश ने निजी उद्योगकर्ताओं के लिए बढ़ावा दिया है।
(ii) अनुसंधान और विकास के लिये संसाधन प्रदान किए गए जिससे इस्तपात में वृद्धि की जा सके।