कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 13 हमारा पर्यावरण एनसीईआरटी के प्रश्न उत्तर

कक्षा 10 विज्ञान पाठ 13 हमारा पर्यावरण एनसीईआरटी अभ्यास के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में दिया गया है। इन एनसीईआरटी समाधान के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। जिससे छात्र विज्ञान परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 10 विज्ञान के प्रश्न उत्तर एनसीईआरटी किताब के अनुसार बनाये गए है। हिंदी मीडियम के छात्रों की मदद करने के लिए हमने एनसीईआरटी समाधान से संबंधित सभी सामग्रियों को नए सिलेबस के अनुसार संशोधित किया है। विद्यार्थी ncert solutions for class 10 science chapter 13 hindi medium को यहाँ से निशुल्क में प्राप्त कर सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 13 हमारा पर्यावरण

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प्रश्न 1. पोषी स्तर क्या है? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बताइए।

उत्तर: आहार श्रंखला में उत्पादक और उपभोक्ता का स्थान ग्रहण करने वाले जीव जीवमंडल को कोई संरचना प्रदान करते हैं और इसे पोषी स्तर कहते हैं। आहार श्रृंखला में पहला स्थान उत्पादक का होता है। शाकाहारियों में सिर्फ उत्पादक(पौधे) उपभोक्ता होता है और माँसाहारियों की श्रृंखला में उपभोक्ता अधिक होते हैं।

प्रश्न 2. पारितंत्र में अपमार्जकों (Decomposers) की क्या भूमिका है?

उत्तर: पारितंत्र में अपमार्जक मृत जैव अवशेषों का अपमार्जन करते हैं। ये मृत शरीरों का अपने भोजन के लिए उपयोग करते हैं। वे जटिल कार्बन पदार्थों को सरल पदार्थों में परिवर्तित करते हैं। जैविक कचरा, पेड़ पौधों के सड़े- गले भाग, गाय- भैंस के गोबर, सड़े- गले फल, सब्ज़ियों के छिलके आदि का कुछ समय के अंतराल में अपघटन कर देते हैं।

अथवा

  1. जीवाणु और कवक जैसे सूक्ष्म जीव मृतजैव अवशेषों का अपमार्जन करके जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल कार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं ताकि पौधों द्वारा पुनः उपयोग में लाए जा सकें।
  2. मृत पौधे और जंतुओं के शरीर में स्थित विभिन्न तत्वों को मिट्टी, जल तथा वायु में पुनः वापस लाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है तथा प्रकृति में संतुलन बना रहता है। जैसे—मृत जीव को आमेनिया में बदलना।
  3. अपमार्जक पर्यावरण को साफ़ रखने में सहायता करता है।

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प्रश्न 1. क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय?

उत्तर:  अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ वे होते है जो छोटे जीवो द्वारा जैविक प्रक्रम में सरल पदार्थ में अपघटित हो जाते है |इसके विपरीत अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ में लंबे समय तक बने रहते है | इनका अपघटन नहीं हो पता तथा ये हानिकारक होते है |

अथवा

कुछ पदार्थों का जीवाणु अथवा दूसरे मृतजीवियों (saprophytes) द्वारा अपघटन हो जाता है परंतु कुछ पदार्थों का जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटन नहीं हो पाता है। अत: सब्ज़ियों के अपशिष्ट, जंतुओं के अपशिष्ट, पत्ते आदि जैव निम्नीकरणीय हैं क्योंकि जीवाणु और कवक जैसे सूक्ष्मजीव इन्हें जटिल से सरल कार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं। जबकि प्लास्टिक, पॉलीथीन आदि अजैव निम्नीकरणीय हैं क्योंकि इनका अपघटन नहीं हो पाता है।

प्रश्न 2. ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

उत्तर: जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को निम्न दो तरीकों से प्रभावित करते हैं

  1. पौधों तथा जंतुओं के अवशेष के अपघटन (decomposition) से वातावरण दूषित होता है तथा दुर्गध (foul smell) फैलती है, जिससे आस-पास रहने वाले लोगों को परेशानी होती है।
  2. कूड़े-कचरे के ढेर पर अनेक प्रकार की मक्खियाँ, मच्छर आदि पैदा होते हैं, जो कई प्रकार के रोगों के वाहक होते हैं।
  3. मिथेन गैस, हाइड्रोजन सल्फाइड गैस, CO2 गैस अपघटन प्रक्रम में निकलते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है।

प्रश्न 3. ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

उत्तर:

  1. अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों; जैसे-प्लास्टिक, पॉलीथीन, पीड़कनाशक (DDT) एवं रसायन आदि का अपघटन नहीं होता। ये पदार्थ लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं तथा जल एवं मृदा प्रदूषण फैलाते हैं।
  2. अजैव निम्नीकरणीय रासायनिक उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी या तो अम्लीय या क्षारीय हो जाती है, जिससे उर्वरा शक्ति घट जाती है।
  3. DDT जैसे पीड़कनाशक खाद्यान्न, सब्जियों, फलों आदि के माध्यम से हमारे शरीर में पहुँच जाते हैं तथा हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं।

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प्रश्न 1. ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है।

उत्तर: ओज़ोन (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना अणु होता है। ओज़ोन वायुमंडल के स्ट्रैटोस्फीयर में सूरज से आने वाली पराबैंगनी विकिरणों से पृथ्वी की सुरक्षा करती है। इन विकिरणों से त्वचा कैंसर होता है।

अथवा

ऑक्सीजन के तीन परमाणु मिलकर ऑजोन (O3) के एक अणु का निर्माण करते हैं। वायुमंडल के उच्चतर स्तर पर पराबैंगनी (UV) विकिरण के कारण ऑक्सीजन (O2) अणुओं से ओजोन बनती है। उच्च ऊर्जा वाले पराबैंगनी विकिरण ऑक्सीजन अणुओं (02) को विघटित कर स्वतंत्र ऑक्सीजन (O) परमाणु मुक्त करते हैं। ऑक्सीजन के ये स्वतंत्र परमाणु संयुक्त होकर ओजोन बनाते हैं जैसा कि समीकरण में दिखाया गया है।

वायुमंडल के ऊपरी स्तर पर ओजोन का आवरण सूर्य से आने वाले पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है। यह विकिरण जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। उदाहरण के लिए, यह विकिरण मानव में त्वचा का कैंसर उत्पन्न करती है। अतः ओजोन पारितंत्र को नष्ट होने से बचाती है।

प्रश्न 2. आप कचरा निपटाने की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: कचरा निपटान की समस्या कम करने के तरीके निम्नलिखित हैं :

  1. कचरा फेंकने के पूर्व जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों का पृथक (अलग) कर लीजिए।
  2. ऐसे सभी पदार्थों को अलग कर लीजिए जिनका पुनः चक्रण संभव है; जैसे–कागज़, शीशा, धातुएँ, रबर इत्यादि।
  3. हमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए।

अभ्यास

प्रश्न 1. निम्न में से कौन-से समूहों में केवल जैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं
(a) घास, पुष्प तथा चमड़ा
(b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक
(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस
(d) केक, लकड़ी एवं घास

उत्तर: (a), (c) तथा (d)

प्रश्न 2. निम्न से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं-
(a) घास, गेहूँ तथा आम
(b) घासे, बकरी तथा मानव
(c) बकरी, गाय तथा हाथी
(d) घास, मछली तथा बकरी

उत्तर: (b) घास, बकरी तथा मानव

प्रश्न 3. निम्न में से कौन पर्यावरण-मित्र व्यवहार कहलाते हैं
(a) बाज़ार जाते समय सामान के लिए कपड़े का थैला ले जाना।।
(b) कार्य समाप्त हो जाने पर लाइट (बल्ब) तथा पंखे का स्विच बंद करना।
(c) माँ द्वारा स्कूटर से विद्यालय छोड़ने के बजाय तुम्हारा विद्यालय तक पैदल जाना
(d) उपरोक्त सभी

उत्तर: (d) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4. क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें (मार डालें)?

उत्तर:  यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें तो उसके अगले स्तर के जीव भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगेंगे, इसी प्रकार उन जीवों के एक पहले के स्तर के जीवों की संख्या बढ़ जाएगी और आहार शृंखला का संतुलन खराब हो जाएगा।

अथवा

यदि एक पोषी स्तर के सभी जीवों को मार दिया जाए, तो इससे पहले वाले स्तर के जीवों की संख्या बहुत अधिक हो जाएगी। जिससे उनका भोजन तीव्रता से खत्म हो जाएगा, जबकि उससे बाद आने वाले पोषी स्तर को भोजन नहीं मिल पाएगा। अत: वे भोजन के अभाव में मर जाएँगे अथवा किसी अन्य स्थान पर चले जाएँगे। इसे एक उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है। यदि सभी शाकाहारी जंतु; जैसे-हिरण, खरगोश आदि मर जाएँगे तो अगले पोषी स्तर वाले जीव शेर, बाघ आदि को भोजन नहीं मिलेगा और वे या तो मर जाएँगे या गाँवों, शहरों की ओर पलायन करेंगे। इसी प्रकार हिरण, गाय, खरगोश आदि नहीं होने पर घास पौधे बहुत अधिक होंगे क्योंकि इसका भक्षण नहीं होगा।
इस तरह हम कह सकते हैं कि आहार श्रृंखला के टूटने से पारितंत्र में असंतुलन उत्पन्न हो जाएगा।

प्रश्न 5. क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलग-अलग होगा? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है?

उत्तर: हाँ, एक पोषी स्तर के जीवों को हटाने का प्रभाव भिन्न स्तरों पर अलग अलग होगा।
1) उत्पादकों को हटाने से शाकाहारी जीव भूक से मर जाएंगे और शाकाहारी जीवों के समाप्त हो जाने से माँसाहारी जीव खत्म हो जाएँगे।
2) शाकाहारियों को हटाने से उत्पादकों में अनियंत्रित वृद्धि होगी और माँसाहारी भूखे मर जाएँगे।
3) माँसाहारियों को हटाने से शाकाहारियों की जनसंख्या अधिक हो जाएगी और उत्पादक(वनस्पतियाँ) नष्ट हो जाएँगे।
4) अपघटकों को हटाने से जैविक कचरे, मृत जीवों के शरीरों, सड़े-गले सब्ज़ी, फलों के छिलकों में से उत्पन्न होने वाले तरह तरह के जीवाणुओं से बीमारियाँ फैलेंगी और अन्य जीवों की मृत्यु का कारण बनेंगी।
किसी पोषक स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव नहीं है।

प्रश्न 6. जैविक आवर्धन (biological magnification) क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा?

उत्तर: फसलों की सुरक्षा के लिए पीड़कनाशक एवं रसायन जैसे अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों का उपयोग किया जाता है। यह प्रत्येक पोषी स्तर पर जीवों एवं पादपों के शरीर में संचित होते हैं, जिसे जैविक आवर्धन कहते हैं। भिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन भिन्न-भिन्न होता है। स्तरों के ऊपर की तरफ़ बढ़ने पर आवर्धन बढ़ता जाता है। चूंकि आहार श्रृंखला में मनुष्य शीर्षस्थ है। अतः हमारे शरीर में इसकी मात्रा सर्वाधिक होती है।

प्रश्न 7. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?

उत्तर:  हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से पर्यावरण प्रदूषित होता है | ये विघटित नहीं होते | अत: ओनके निपटान की समस्या भी आती है | ये अनेक समस्याएँ उत्पन्न करते है |

  1. परितंत्र के सदस्यों का ह्रास करते है |
  2. जैव आवर्धन निर्मित करके उसके वृद्धि करते हैं |
  3. जल ,भूमि तथा वायु प्रदुषण फैकते  है |

अथवा

अजैव निम्नीकरणीय कचरों से उत्पन्न होने वाली समस्याएँ निम्न हैं|

  1. चूँकि इनका विघटन नहीं हो पाता है इसलिए लंबे समय तक बने रहने के कारण काफ़ी मात्रा में एकत्र हो जाते हैं। तथा पारितंत्र में असंतुलन पैदा करते हैं तथा पर्यावरण के अन्य सदस्यों को हानि पहुँचाते हैं।
  2. पॉलीथीन की थैलियाँ कुछ पालतू जानवर खा लेते हैं, जिससे उनकी मृत्यु तक हो जाती है।
  3. नालियाँ जाम हो जाती हैं, जिससे मल-मूत्र आदि गंदे पदार्थों का वहन नहीं हो पाता है तथा गंदगी फैलती है और अनेक प्रकार की बीमारियाँ होती हैं।
  4. प्लास्टिक की बोतलें, डिब्बों आदि में जल जमा होने के कारण डेंगू, मलेरिया जैसे खतरनाक रोगों की संभावनाएँ बढ़ती हैं।
  5. दवाइयों के स्ट्रिप्स बोतलों, कीटनाशी एवं रसायन आदि से जल एवं मृदा प्रदूषण होता है।
  6. मिट्टी के अंदर दबे रहने के कारण फसलों की वृद्धि में रुकावट होती है तथा उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।
  7. इससे जैविक आवर्धन भी होता है।
  8. इसे जलाने पर हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो वायु प्रदूषण करता है।

प्रश्न 8. यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा?

उत्तर: हाँ, यहाँ तक कि यदि उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तब भी इनका हमारे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा परंतु लंबे समय के लिए नहीं। अधिक मात्रा में कचरा होने के कारण सूक्ष्म जीव (बैक्टिरिया एवं कवक) सही समय पर इनका विघटन नहीं कर पाएँगे, जिससे ये कचरा जमा हो जाएगा और मक्खियों, मच्छरों आदि को पनपने का अवसर मिलेगा, दुर्गंध फैलेगी, वायु प्रदूषण होगा, बीमारियाँ फैलेंगी, तथा आसपास के लोगों का रहना मुश्किल हो जाएगा। यदि इसका निपटान सही तरीके से होगा; जैसे-जैविक खाद बनाकर, तो कुछ ही समय में ये दुष्प्रभाव ख़त्म हो जाएँगे तथा पर्यावरण को कोई क्षति नहीं होगा।

अथवा

जैव निम्नीकरणीय कचरे का निपटान आसान है और इसको अपघठित करके दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है। जैव निम्नीकरणीय पदार्थ जीवाणुओं, बैक्टीरिया द्वारा अपघटित किए जाते हैं और इस प्रकार पर्यावरण में संतुलन बनाए रखते हैं। अतः यदि जैव निम्नीकरणीय कचरे का ठीक से निम्नीकरणीय निपटान कर दिया जाए तो इनका हमारे पर्यावरण पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकीन, जैव नीमनिम्नीकरण की मात्रा अगर बढ़ जाय तो इसके गलत प्राभव कुछ इस प्रकार है-

  • इनसे निकले कुछ विषैले गैस हमारे फेफड़ो को संक्रमित कर सकते है।
  • जहां जैव निम्नीकरण भारी मात्रा में एकत्रित होते है वह विषैले जीव उत्पन्न होते है जो कि हमारे लिए हानिकारक है।

प्रश्न 9. ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

उत्तर:  ओज़ोन (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना अणु होता है। ओज़ोन वायुमंडल के स्ट्रैटोस्फीयर में सूरज से आने वाली पराबैंगनी विकिरणों से पृथ्वी की सुरक्षा करती है। इन विकिरणों से त्वचा कैंसर होता है और जीवों के लिए हानिकारक है। इस कारण से ओज़ोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय है।

इस क्षति को सीमित करने के लिए
1) CFCs के उपयोग पर नियंत्रण होना चाहिए,
2) नाभिकीय विस्फोट कम हो जाना चाहिए,
3) सुपर सौनिक विमानों का कम से कम प्रयोग।

अथवा

स्ट्राटोस्फेयर में ओजोन परत होती है, जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण (UV) से पृथ्वी पर रहने वाले जीवों को सुरक्षा प्रदान करती है। UV के कारण त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद (cataract), प्रति रक्षा-तंत्र की क्षति तथा पौधों को क्षति पहुँचाती है, जिसके कारण फसलों की उपज कम जो जाती है। क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) का प्रयोग अग्निशमन यंत्रों एवं रेफ्रीजरेटर (शीतलन) में किया जाता है, जो ओजोन परत को क्षति पहुँचाते हैं। 1987 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम [UNEP : United Nations Environment Programme] में सर्वानुमति बनी कि CFC के उत्पादन को 1986 के स्तर पर ही सीमित रखा जाए।

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