पानी की कहानी के प्रश्न-उत्तर – कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 12

छात्र यहाँ से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत पाठ 12 पानी की कहानी प्राप्त कर सकते हैं। हमने पाठ के सभी प्रश्नों को सरल और आसान शब्दों में हल करके उत्तर दिया हैं, ताकि विद्यार्थी इसे आसानी से समझ सकें। NCERT solutions class 8 hindi vasant chapter 12 Paani ki Kahani को एनसीईआरटी और सीबीएसई के अनुसार बनाए गए है । हिंदी मीडियम के छात्रों की मदद करने के लिए हमने कक्षा 8 हिंदी वसंत एनसीईआरटी समाधान से संबंधित सभी सामग्रियों को नए सिलेबस के अनुसार संशोधित किया है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत पाठ 12 पानी की कहानी

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

प्रश्न 1. लेखक को ओस की बूंद कहाँ मिली?

उत्तर: लेखक को बेर की झाड़ी पर ओस की बूँद मिली। जब लेखक झाड़ी के नीचे से गुजर रहा था तो ओस की बूँद उसके कलाई पर गिरी और सरककर हथेली पर आ गई।

प्रश्न 2. ओस की बूंद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी?

उत्तर: बूंद ने पेड़ों की स्वार्थपूर्ण प्रवृत्ति के बारे में बताया कि इस पेड़ के बराबर ही उसकी जड़े तथा रोएँ जमीन में फैली हुए हैंइन्हीं में से एक रोएँ ने उसे भी बलपूर्वक अपनी ओर खींच लिया और अपने में समाहित कर लियाबूंद वहाँ तीन दिन तक साँसत भोगती रहीयह बताते हुए ओस की बूंद क्रोध और घृणा से काँप उठी।

प्रश्न 3. हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज/पुरखा क्यों कहा?

उत्तर: पानी की बूंद ने हद्रजन (हाइड्रोजन) और ओषजन (ऑक्सीजन) को अपना पुरखा इसलिए कहा है क्योंकि दोनों की क्रिया के फलस्वरुप बूंद का जन्म हुआइस क्रिया में दोनों को प्रत्यक्ष अस्तित्व खो गया था

प्रश्न 4. “पानी की कहानी” के आधार पर पानी के जन्म और जीवन-यात्रा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए

उत्तर: पानी का जन्म (ह्द्रजन) हाइड्रोजन व (ओषजन) ऑक्सीजन के बीच रासायनिक प्रक्रिया द्वारा होता है। जब ब्रह्मांड में पृथ्वी व उसके साथी ग्रहों का उद्भव भी नहीं हुआ था तब ब्रह्मांड में हाइड्रोजन व ऑक्सीजन दो गैसें सूर्यमंडल में लपटों के रूप में विद्यमान थीं। किसी उल्कापिंड के सूर्य से टकराने से सूर्य के टुकडें कड़े हो गए उन्हीं टुकड़ों में से एक टुकड़ा पृथ्वी रूप में उत्पन्न हुआ और इसी ग्रह में ऑक्सीजन व हाइड्रोजन के बीच रासायनिक क्रिया हुई और दोनों के संयोग से पानी का जन्म हुआ।
सर्वप्रथम बूँद भाप के रूप में पृथ्वी के वातावरण में ईद-गिर्द घूमती रहती है, तत्पश्चात ठोस बर्फ के रूप में विद्यमान हो जाती है। समुद्र से होती हुई वह गर्म-धारा से मिलकर ठोस रूप को त्यागकर जल का रूप धारण कर लेती है।

प्रश्न 5. कहानी के अंत और आरंभ के हिस्से को स्वयं पढ़कर देखिए और बताइए कि ओस की बूंद लेखक को आपबीती सुनाते हुए किसकी प्रतीक्षा कर रही थी?

उत्तर: कहानी का आरंभ और अंत पढ़कर हमें ज्ञात होता है कि ओस की बूंद लेखक को आपबीती सुनाते हुए सूर्य के निकलने की प्रतीक्षा कर रही थीसूर्य की ऊष्मा पाकर उसमें उड़ने की ताकत आ जाएगी और वह उड़ सकेगी।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. जलचक्र के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए और पानी की कहानी से तुलना करके देखिए कि लेखक ने पानी की कहानी में कौन-कौन सी बातें विस्तार से बताई हैं?

उत्तर: पानी हमारे आसपास नदियों, समुद्र, झील, कुओं, तालाब आदि में विद्यमान हैयह पानी सूर्य की ऊष्मा से वाष्पीकृत होकर भाप बन जाती हैयही भाप ठंडी होकर वर्षा के रूप में पुनः पृथ्वी पर आ जाता हैयह चक्र निरंतर चलता रहता है

  • हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से पानी बनने की प्रक्रिया
  • पानी का पहाड़ों पर बर्फ रूप में जमा होना, हिमखंड का टूटना तथा ऊष्मा पाकर पिघलकर पानी बनना
  • पानी की बूंद का सागर की गहराई में जाना तथा विभिन्न समुद्री जीवों को देखना
  • ज्वालामुखी के विस्फोट के रूप में बाहर आना आदि

प्रश्न 2. “पानी की कहानी” पाठ में ओस की बूंद अपनी कहानी स्वयं सुना रही हैऔर लेखक केवल श्रोता हैइस आत्मकथात्मक शैली में आप भी किसी वस्तु का चुनाव करके कहानी लिखें

उत्तर: आत्मकथात्मक शैली में लोहे की कुर्सी की कहानी सर्दी के दिन थेएक दिन हल्की आवाज सुनकर मैं बाहर निकला शायद कोई हो पर कुर्सी पर ओस की बूंद गिरने से ध्वनि उत्पन्न हुई थीमैं अपनी लोहे की कुर्सी को बाहर छोड़ दियापुस्तकें तथा अन्य सामान अंदर ले गया पर भूल से यह कमरे के बाहर ही रह गईमैं अंदर पढ़ रहा था कि कुर्सी से कुछ आवाज हुई मैं अपनी गीली कुर्सी कमरे में लाया कुर्सी ने बताया कि कभी मैं मोटे से लोहे की छड़ का हिस्सा थीफैक्ट्री के मालिक ने वह लोहा बेच दियाजिसने मुझे खरीदा था, उसने एक भट्ठी में पिघलाकर पतलीपतली छड़े तथा सीटें बनाने के लिए खूब पीटामुझे असह्य दर्द हुआइनके कटे टुकड़ों को गर्म सलाखों की मदद से जोड़कर कुर्सी का आकार दियामेरे अनेक भागों को जोड़ने के लिए नट-बोल्ट लगाएइस क्रिया में मुझे बहुत दु:ख झेलना पड़ाइसके बाद मुझे आकर्षक बनाने के लिए चमकीला पेंट करके बाजार में बेच दियावहीं से तुम मुझे खरीद लाए तब से तुम्हारी सेवा में लगी हूँ और तुम्हारे आराम का साधन बनी हूँतुम भी मेरा कुछ ख्याल किया करोयूँ बाहर रात भर रहने से तो मैं ठिठुर कर मर ही जाती।

प्रश्न 3. समुद्र के तट पर बसे नगरों में अधिक ठंड और अधिक गरमी क्यों नहीं पड़ती?

उत्तर:  समुद्र के तट पर बसे नगरों में अधिक ठंड और अधिक गरमी नहीं पड़ती क्योंकि वहाँ के वातावरण में सदा नमी होती है।

प्रश्न 4. पेड़ के भीतर फव्वारा नहीं होता, तब पेड़ की जड़ों से पत्ते तक पानी कैसे पहुँचता है? इस क्रिया को वनस्पति शास्त्र में क्या कहते हैं? क्या इस क्रिया को जानने के लिए कोई आसान प्रयोग है? जानकारी प्राप्त कीजिए

उत्तर: पेड़ के भीतर फव्वारा नहीं होता तब पेड़ की जड़ों से पत्ते तक पानी पहुँचता है क्योंकि पेड़ की जड़ों व तनों में जाइलम और फ्लोएम नामक वाहिकाएँ होती हैं जो पानी जड़ों से पत्तियों तक पहुँचाती हैं। इस क्रिया को वनस्पति शास्त्र में ‘संवहन’ (ट्रांसपाईरेशन) कहते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. पानी की कहानी में लेखक ने कल्पना और वैज्ञानिक तथ्य का आधार लेकर ओस की बूंद की यात्रा का वर्णन किया हैओस की बूंद अनेक अवस्थाओं में सूर्यमंडल, पृथ्वी, वायु, समुद्र, ज्वालामुखी, बादल, नदी और जल से होते हुए पेड़ के पत्ते तक की यात्रा करती हैइस कहानी की भाँति आप भी लोहे अथवा प्लास्टिक की कहानी लिखने का प्रयास कीजिए।

उत्तर: छात्र पाठ को पढ़े तथा लोहे अथवा प्लास्टिक की कहानी लिखने का अभ्यास स्वयं करें

प्रश्न 2. अन्य पदार्थों के समान जल की भी तीन अवस्थाएँ होती हैंअन्य पदार्थों से जल की इन अवस्थाओं में एक विशेष अंतर यह होता है कि जल की तरल अवस्था की तुलना में ठोस अवस्था (बर्फ) हलकी होती हैइसका कारण ज्ञात कीजिए

उत्तर: जल की तीन अवस्थाएँ होती है

  • ठोस
  • द्रव
  • गैस

जल की द्रव अवस्था की तुलना में उसकी ठोस अवस्था (बर्फ) हल्की होने का कारण यह है कि पानी के घनत्व की अपेक्षा उसका घनत्व कम होता है। कम घनत्व के कारण ही बर्फ हल्की होती है

प्रश्न 3. पाठ के साथ केवल पढ़ने के लिए दी गई पठन-सामग्री ‘हम पृथ्वी की संतान’ का सहयोग लेकर पर्यावरण संकट पर एक लेख लिखें

उत्तर: पठन – सामग्री ‘हम पृथ्वी की संतान’ की मदद से पर्यावरण पर लेख।

भाषा की बात

प्रश्न 1. किसी भी क्रिया को पूरी करने में जो भी संज्ञा आदि शब्द संलग्न होते हैं, वे अपनी अलग-अलग भूमिकाओं के अनुसार अलग-अलग कारकों में वाक्य में दिखाई पड़ते हैं; जैसे-“वह हाथों से शिकार को जकड़ लेती थी।” जकड़ना क्रिया तभी संपन्न हो पाएगी जब कोई व्यक्ति ( शिकार) हो, जिसे जकड़ा जाए। इन भूमिकाओं की प्रकृति अलग-अलग है। व्याकरण में ये भूमिकाएँ कारकों के अलग-अलग भेदों; जैसे-कर्ता, कर्म, करण आदि से स्पष्ट होती हैं। अपनी पाठ्यपुस्तक से इस प्रकार के पाँच और उदाहरण खोजकर लिखिए और उन्हें भली-भाँति परिभाषित कीजिए।

उत्तर: (1) मैं प्रति क्षण उसमें से निकल भागने की चेष्टा में लगी रहती थी।
(2) आगे एक और बूँद मेरा हाथ पकड़कर ऊपर खींच रही थी।
(3) हम बड़ी तेजी से बाहर फेंक दिए गए।
(4) वह चाकू से फल काटकर खाता है।
(5) बदलू लाख से चूड़ियाँ बनाता है।

(1) मैं – कर्त्ता
(2) पकड़कर – सबंध कारक
(3) तेज़ी से – अपादान कारक
(4) चाकू से – करण कारक
(5) लाख से – करण कारक

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