कक्षा 8 भूगोल अध्याय 3 कृषि एनसीईआरटी के प्रश्न उत्तर

कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान भूगोल पाठ 3 कृषि एनसीईआरटी अभ्यास के प्रश्न उत्तर सरल अक्षरों में दिया गया है। इन एनसीईआरटी समाधान के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। जिससे छात्र कक्षा 8 भूगोल परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 8 भूगोल के प्रश्न उत्तर एनसीईआरटी किताब के अनुसार बनाये गए है। हिंदी मीडियम के छात्रों की मदद करने के लिए हमने एनसीईआरटी समाधान से संबंधित सभी सामग्रियों को नए सिलेबस के अनुसार संशोधित किया है। विद्यार्थी ncert solutions for class 8 social science geography chapter 1 hindi medium को यहाँ से निशुल्क में प्राप्त कर सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 भूगोल अध्याय 3 कृषि

अभ्यास

प्रश्न 1: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(i) कृषि क्या है?

उत्तर: कृषि एक प्राथमिक क्रिया है। फसलों, फलों, सब्ज़ियों, फूलों को उगाना और पशुधन पालन इसमें शामिल है। विश्व में पचास प्रतिशत लोग कृषि से संबंधित क्रियाओं में संलग्न है। भारत की दो-तिहाई जनसंख्या अब तक कृषि पर निर्भर है। जिस भूमि पर फसलें उगाई जाती है, कृषिगत भूमि कहलाती है।

(ii) उन कारकों का नाम बताइए जो कृषि को प्रभावित कर रहे हैं।

उत्तर: कृषि को प्रभावित करने वाले तीन कारक निम्नलिखत है :-  मृदा, अनुकूल स्थलाकृति, जलवायु।

(iii) स्थानांतरी कृषि क्या है? इस कृषि की क्या हानियाँ है?

उत्तर: स्थानांतरी कृषि: यह अमेजन बेसिन के सघन वन क्षेत्रों, उष्ण कटिबंधीय अफ्रीका, दक्षिण – सब्जी एशिया और उत्तरी – पूर्वी भारत के भागों में प्रचलित है। यह उष्ण कटिबंधीय वनों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा की जाती है। ये पहले वृक्षों को काटकर और जलाकर भूखंडो को साफ करते है। तब राख को मृदा में मिलाया जाता है तथा मक्का, रतालु, आलू और कसावा जैसी फसलों को उगाया जाता है। भूमि की उर्वरता की समाप्ति के बाद वह भूमि छोड़ दी जाती है। इसके बाद वे निकट दूसरे स्थान पर खेती करने के लिए चले जाते है। स्थानांतरी कृषि को ‘कर्तन एवं दहन’ कृषि भी कहते है।

हानियां: 

  • इस कृषि को करने के लिए जगह बार बार बदलनी पड़ती है।
  • इसमें मशीनों कारक प्रयोग नहीं किया जा सकता।
  • इसमें केवल स्वयं के निर्वाह के लिए फ़सलें उगा सकते है।

(iv) रोपण कृषि क्या है?

उत्तर: रोपण कृषि एक प्रकार की वाणिज्यिक कृषि है। जहां चाय, कहवा, काजू, रबड़, केला अथवा कपास की एकल फ़सल उगाई जाती है। इसमें बृहत पैमाने पर श्रम और पूँजी की आवश्यकता होती है। उत्पाद का प्रसंस्करण खेतों पर ही या निकट के कारखानों में किया जाता है। रोपण कृषि के मुख्य क्षेत्र विश्व के उष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में पाए जाते है। मलेशिया में रबड़, ब्राजील में कहवा, भारत और श्रीलंका में चाय इसके कुछ उदाहरण है।

(v) सरकार किसानों को कृषि के विकास में किस प्रकार मदद करती है ?

उत्तर:  सरकार किसानों को निम्न प्रकार से मदद करती है।

  • सरकार किसानों को कृषि के आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाती है।
  • किसानों को कृषि के नए ढंग भी बताए जाते हैं। सरकार किसानों को कृषि के लिए आसान किस्तों पर ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाती है। ताकि वे नए कृषि उपकरण खरीद सकें तथा भूमि संबंधी आवश्यक सुधार कर सकें।
  • सरकार फ़सलों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए किसानों को कीटनाशक प्रदान करती है।
  • सरकार किसानों को भंडारण की सुविधाएँ उपलब्ध करवाती है। सच तो यह है कि सरकार कृषि के विकास के लिए किसानों की हर संभव सहायता करती है।

प्रश्न 2: सही उत्तर को चिह्नित कीजिए :-

(i) उद्यान कृषि का अर्थ है –
(क) गेहूँ उगाना
(ख) आदिम कृषि
(ग) फलों व सब्जियों को उगाना

उत्तर: (ग) फलों व सब्जियों को उगाना

(ii) सुनहरा रेशा से अभिप्राय है:
(क) चाय
(ख) कपास
(ग) पटसन

उत्तर: (ग) पटसन

(iii) कॉफी का प्रमुख उत्पादक है:
(क) ब्राजील
(ख) भारत
(ग) रूस

उत्तर: (क) ब्राजील

प्रश्न 3: कारण बताइए :

(i) भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।

उत्तर:  भारत की दो – तिहाई जनसंख्या अभी भी कृषि पर निर्भर है। इसके साथ किसान उद्योगों खाने की फसलें उगाते है और मशीनों का प्रयोग नहीं करते। इसलिए कहा जाता है कि भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।

(ii) विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती है।

उत्तर: किसी भी फ़सल को कही भी उगाना हो उसके लिए मृदा, जलवायु तथा स्थलाकृति की आवश्यकता होती है क्योंकि भिन्न – भिन्न प्रदेशों में इन कारकों में भिन्नता पाई जाती है। इसलिए विभिन्न फसलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती है।

प्रश्न 4: अंतर स्पष्ट कीजिए

(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ

उत्तर:  प्राथमिक क्रियाओं के अंतर्गत उन सभी क्रियाओं को शामिल किया जाता है जिनका सम्बन्ध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से है। कृषि,  मत्स्यन और संग्रहण इनके अच्छे उदाहरण है।

तृतीयक क्रियाएँ प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र को सेवा कार्यों द्वारा सहयोग प्रदान करती है। यातायात, व्यापार, बैंकिंग, बीमा और विज्ञापन तृतीयक क्रियाओं के उदाहरण है।

(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि

उत्तर: निर्वाह कृषि: इस प्रकार की कृषि कृषक परिवार की आवश्यकताओं को लिए की जाती है। पारंपरिक रूप से कम उपज प्राप्त करने के लिए निम्न स्तरीय प्रौद्योगिकी और पारिवारिक श्रम का उपयोग किया जाता है। निर्वाह कृषि को पुनः गहन निर्वाह कृषि और आदिम निर्वाह कृषि में वर्गीकृत किया जा सकता है।

गहन निर्वाह कृषि: किसान एक छोटे भूखंड पर साधारण औज़ारों और अधिक श्रम से खेती करता है। अधिक धूप वाले दिनों से युक्त जलवा और उर्वर मृदा वाले खेत में, एक वर्ष में एक से अधिक फ़सलें उगाई जा सकती हैं। चावल मुख्य फ़सल होती है। अन्य फ़सलों में गेहूँ, मक्का, दलहन और तिलहन शामिल हैं। गहन निर्वाह कृषि दक्षिणी, दक्षिण – पूर्वी और पूर्वी एशिया के सघन जनसंख्या वाले मानसूनी प्रदेशों में प्रचलित है।

प्रश्न 5: क्रियाकलाप:

(i) बाजार में उपलब्ध गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते है?

उत्तर: गेहूं :- दुमट मृदा
चावल :- जलोढ़ मृदा
ज्वार :-  बलुई मृदा
बाजरा :- बलुई मृदा
रागी :- बलुई मृदा
मक्का :- उपजाऊ मृदा

(ii) पत्रिकाओं, पुस्तकों, समाचारपत्रों और इंटरनेट से संगृहीत चित्रों के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के किसानों की जीवन शैली के मध्य अंतर कीजिए ।

उत्तर: छात्र इस प्रश्न का उत्तर खुद करें।

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