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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 नागरिक शास्त्र अध्याय 7 जनसुविधाएँ
अभ्यास
प्रश्न 1: आपको ऐसा क्यों लगता है कि दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम है ?
उत्तर: पानी जीवन तथा स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। जन सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार का एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। जलापूर्ति करना भी सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार जलापूर्ति के लिए कुछ धन प्राप्त करती है। परंतु सरकार द्वारा लिया जाने वाला शुल्क निजी कंपनियों के मुकाबले बहुत कम है। विश्व में जहां जलापूर्ति का कार्य निजी कंपनियां को दिया गया, वहां पर इसकी कीमतों में अचानक बहुत वृद्धि हुई। जिसको देना कई लोगों की क्षमता से बाहर हो गया। बोलीविया में इसके कारण दंगे तथा विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके कारण सरकार ने जलापूर्ति की जिम्मेदारी निज कंपनी से लेकर स्वयं ले ली।
प्रश्न 2: क्या आपको लगता है कि चेन्नई में सबको पानी को सुविधा उपलब्ध है और वे पानी का खर्च उठा सकते हैं ? चर्चा करें।
उत्तर: चेन्नई में पानी की बहुत कमी है, सभी लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं होता। जो अफसर चेन्नई के अन्ना नगर में रहते है उन जैसे क्षेत्रों में पानी की कमी नहीं है। परंतु अधिकांश क्षेत्रों में पानी की कमी है। मैलापुर क्षेत्र में नगरपालिका दो दिन में एक बार पानी उपलब्ध कराती है। बहुत से लोग अपने कार्यों को पूरा करने लिए टैंकरों से पानी खरीदते हैं, जिसके लिए उन्हें महीने में 500-600 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। मडीपाक्कम में तो चार दिन में एक बार पानी मिलता है। यहां के लोग पानी की बोतलें खरीद कर अपना गुजारा चलाते हैं। परंतु लोग ये बोतलें भी नहीं खरीद पाते, गर्मियों में तो पानी इतना कम हो जाता है कि कई परिवारों को पानी मिल ही नहीं पाता, उन्हें पानी के टैंकरों का कई घंटे इंतजार करना पड़ता है।
प्रश्न 3: किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है ? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते हैं ? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है ?
उत्तर: चेन्नई में पानी की समस्या बहुत अधिक है। नगरपालिका सभी लोगों को पानी उपलब्ध नहीं करा पाती। जिसके कारण यह ज़िम्मेदारी निजी कंपनियों ने अपने हाथों में ले ली थी। ये कंपनियां समीप के गाँवों से पानी खरीदकर शहरों में बेचती हैं। कंपनियां किसानों को पैसे देकर उनकी ज़मीन से पानी निकालती है। जिसकी वजह से कुछ मामले में पानी की कीमत में भारी इज़ाफ़ा हुआ। इस कारण बहुत सारे लोगों के लिए पानी का खर्चा उठाना संभव नहीं हो पाया। इसलिए लोगों ने विरोध किए, विशाल प्रदर्शन हुए। बोलीविया आदि देशों में तो दंगे भी फैल गए जिसके दबाव में सरकार को जलापूर्ति व्यवस्था निजी कंपनियों के हाथों से छीनकर दोबारा अपने हाथों मैं लेनी पड़ी।
प्रश्न 4: ऐसा क्यों है कि ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही हैं ?
उत्तर: प्राइवेट कम्पनी का मुख्य लक्ष्य होता है अधिक से अधिक मुनाफा कमाना। इसलिए जब कोई प्राइवेट कम्पनी अस्पताल खोलती है या स्कूल खोलती है तो वह अधिक से अधिक फीस रखती है। इतनी अधिक फीस देने वाले लोग गाँवों या कस्बों में इक्का दुक्का ही होते हैं, जबकि शहरों में ऐसे लोग बहुतायत में होते हैं। इसलिए ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों और ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही हैं।
अथवा
हमारी सरकार का यह कर्तव्य होता है कि वह लोगों को शिक्षा देना तथा उनके स्वास्थ्य की देखभाल पड़ता अपना परम कर्तव्य समझे। सरकार से पहले निजी कम्पनियां ये सब सुविधाएं बड़े शहरों में उपलब्ध करा रही है। ग्रामीण की अपेक्षा बड़े – बड़े शहरों में बड़े – बड़े स्कूल एवं अस्पताल खुल रहे हैं। स्कूल दिल्ली, बंबई, कोलकाता, चेन्नई, चंडीगढ़, गुड़गांव तथा हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में खुल रहे हैं। बड़े स्कूल तथा अस्पताल बड़े शहरों इसलिए खुलते हैं। क्योंकि इन शहरों में बड़े समृद्ध एवं अमीर लोग रहते हैं जो अधिक पैसा खर्च करने में सक्षम हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ग़रीब होते हैं। जो अधिक पैसा खर्च नहीं कर पाते तथा वे लोग अस्पताल तथा स्कूल की फीस अदा नहीं कर सकते। यही कारण है कि ज़्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही है।
प्रश्न 5: क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष है? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दें।
उत्तर: हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष नहीं है। बड़े शहरों के धनी रिहायशी इलाकों में सभी सुविधाएँ मिल जाती हैं। लेकिन झुग्गी झोपड़ी में जनसुविधाओं का सख्त अभाव होता है। ग्रामीण इलाकों में तो जनसुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं होता है। आपको पब्लिक ट्रांसपोर्ट के कई साधन मुम्बई और दिल्ली जैसे महानगरों में मिल जाएंगे। लेकिन यदि आप झुमरीतिलैया या पतरातू की बात करेंगे तो वहाँ के लोगों को प्राइवेट गाड़ियों पर निर्भर रहना पड़ता है।
अथवा
सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्य होता है कि सबसे पहले उन्हें यह देखना चाहिए कि उनके द्वारा दी गई जनसुविधा क्या लोगों तक सार्थक रूप में पहुंची हुई है, अगर नहीं तो ये जनसुविधाएं लोगों को उपलब्ध कराए। लेकिन इस मोर्चे पर संतोषजनक प्रगति नहीं हुई है। हमें आपूर्ति में कमी और वितरण में भारी असमानता दिखाई देती है। महानगरों और बड़े शहरों के मुकाबले कस्बों और गांवो में तो इन सुविधाओं की स्थिति और भी खराब है। संपन्न बस्तियों के मुकाबले गरीब बस्तियों में सेवाओं की स्थिति कमज़ोर है। कही बिजली की कमी है तो कही पानी की बूंदो के लिए भी लोग तरस जाते है। कही लोग पानी को व्यर्थ बहाते है। सड़के अच्छी न होने के कारण दुर्घटनाएं होती है। इसलिए किसी भी समाधान में इस महत्वपूर्ण तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि देश के प्रत्येक नागरिक को इन सुविधाओं को पाने का अधिकार है और उसे ये सुविधाएं समतापरक ढंग से मिलनी चाहिए।
प्रश्न 6: अपने इलाके की पानी, बिजली आदि कुछ जनसुविधाओं को देखें। क्या उनमें सुधार की कोई गुंजाइश है ? आपकी राय में क्या किया जाना चाहिए ? इस तालिका को भरें ।
क्या यह उपलब्ध हैं ? | उसमें कैसे सुधार लाया जाए ? | |
पानी | ||
बिजली | ||
सड़क | ||
सार्वजनिक परिवहन |
उत्तर:
क्या यह उपलब्ध है ? | उनमें कैसे सुधार लाया जाए ? | |
पानी | पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, परन्तु बस्तियों की तरफ इसकी कमी है। | सार्वजनिक नलके और नल लगवाने चाहिए। |
बिजली | बिजली की कमी नहीं है। | झुग्गी बस्तियों में बिजली का कोई सार्वजनिक प्रबंध करना चाहिए। |
सड़क | सड़कों की व्यवस्था कही कही खराब है | सड़कों की निरंतर मरम्मत होनी चाहिए। |
सार्वजनिक परिवहन | सार्वजनिक परिवहन अपर्याप्त है। | बसों, रिक्शा की हर रुट पर व्यवस्था की जानी चाहिए। |
प्रश्न 7: क्या आपके इलाके के सभी लोग उपरोक्त जनसुविधाओं का समान रूप से इस्तेमाल करते हैं ? विस्तार से बताएँ ।
उत्तर: हां, निष्पक्ष रूप से हमारे इलाके में सभी जनसुविधाओं का सामान रूप से इस्तेमाल करते है तथा कही कोई भी किसी चीज की आपूर्ति कम लगे तो इलाके के नगर निगम के अधिकारी को सूचित किया जाता है।
प्रश्न 8: जनगणना के साथ–साथ कुछ जनसुविधाओं के बारे में भी आँकड़े इकट्ठा किए जाते हैं। अपने शिक्षक के साथ चर्चा करें कि जनगणना का काम कब और किस तरह किया जाता है।
उत्तर: रत में जनगणना हर दस वर्ष के बाद होती है। इस काम के लिए जनगणना विभाग थोड़े समय के लिए कुछ लोगों को काम पर रखता है। ये लोग घर घर जाकर आँकड़े इकट्ठा करते हैं। लोगों की संख्या और उम्र पूछने के साथ जनगणना कर्मचारी कई अन्य सवाल भी पूछते हैं, जैसे घर में टेलीविजन, मोबाइल फोन, साइकिल, स्कूटर, आदि है या नहीं।
प्रश्न 9: हमारे देश में निजी शैक्षणिक संस्थान – स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण – बड़े पैमाने पर खुलते जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्व कम होता जा रहा है। आपकी राय में इसका क्या असर हो सकता है ? चर्चा कीजिए।
उत्तर: हमारे देश में निजी शैक्षणिक संस्थान खुलते जा रहे हैं, जबकि सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्त्व कम होता जा रहा है। आने वाले समय में इसका असर यह होगा कि शिक्षा बहुत अधिक महंगी हो जाएगी क्योंकि ज्यादातर बच्चें निजी शैक्षणिक संस्थान की ओर ही बढ़ रहें है, जिसके कारण गरीब लोग इससे वंचित हो जाएगे। वे पहले से ही बच्चों को मुश्किल से पढ़ा पाते है। शिक्षा से वंचित होने के कारण समाज में सामाजिक, आर्थिक अंतर बढ़ता जायेगा जो समाज में टकराव का कारण बनेगा ।
पाठ के बीच में पूछे जाने वाले प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: आपने ऊपर उल्लिखित चार स्थितियों को देखा है। अब बताइए कि चेन्नई में पानी की स्थिति कैसी है।
उत्तर: चेन्नई में पानी की स्थिति हर जगह अच्छी नहीं है। कई जगह पानी भरपूर मात्रा में प्राप्त होता है, तो कही लोग पानी की एक बून्द के लिए भी तरस जाते है। जैसे :- रामगोपाल एक सरकारी अफसर है, जो चेन्नई के अन्ना नगर में रहते है, वहाँ के नलों में 24 घंटे पानी रहता है। जब पानी की आपूर्ति कम होती है तो वे जल निगम में पहचान के अफसर से बात करते है और फ़ौरन उनके लिए पानी के टैंकर का इंतज़ाम हो जाता है। मैलापुर में सुब्रमण्यन के अपार्टमेंट में भी पानी की कमी है। यहां नगरपालिका दो दिन में एक बार पानी उपलब्ध कराती है। मडीपाक्कम के एक मकान में शिवा पहली मंजिल में किराए पर रहता है जहाँ उसे चार दिन में एक बार पानी मिलता है। पद्मा एक घरेलू नौकरानी है। वह सैदापेट में काम करती है और पास ही एक झुग्गी बस्ती में रहती है। उसकी बस्ती में न तो शौचालय है और न ही पानी का कोई स्त्रोत। इस तरह की 30 झुग्गियों के लिए कोने में एक ही नल है। इस प्रकार चेन्नई में पानी की स्थिति बहुत खराब है।
प्रश्न 2: उपरोक्त वर्णन में से घरेलू इस्तेमाल के विभिन्न जल स्रोतों को चुनें।
उत्तर: उपरोक्त वर्णन में से घरेलू इस्तेमाल में पानी का टैंकर, नगरपालिका का जल, पीने की बोतलें प्रयोग में लाई जाती है।
प्रश्न 3: आपकी राय में सुब्रमण्यन और पद्मा के अनुभवों में क्या समानता है और क्या अलग है।
उत्तर: समानता :- दोनों ही पानी की कमी का सामना कर रहे है और दोनों के पास जितना भी पानी आता है बोरवेल से आता हैं।
भिन्नता : बोरवेल का पानी खारा होने के कारण लोग उसे शौचालय और साफ सफाई के लिए इस्तेमाल करते है। लेकिन यहां बोरवेल का पानी सिर्फ 20 मिनट के लिए आता है, इस दौरान एक परिवार को ज़्यादा से ज़्यादा 3 बाल्टियां भरने का मौका मिलता है। इसलिए इसी पानी को लोग नहाने, धोने और पीने के लिए इस्तेमाल करते है।
प्रश्न 4: क्या चेन्नई में सभी के लिए पानी का संकट है ? क्या आप बता सकते है कि अलग–अलग मात्रा में पानी क्यों मिलता है ? दो कारण बताएं।
उत्तर: नहीं, चेन्नई में सभी के लिए पानी का संकट नहीं है। सार्थक शब्दों में कहा जाए तो जो लोग अच्छी खासी नौकरी पर है, उन्हें पानी आसानी से मिल जाता हैं। इनके नलों में 24 घंटे पानी रहता है और आपूर्ति कम हो जाए तो टैंकर का भी उपलब्ध उसी समय हो जाता है लेकिन जो बेरोजगार है या मजदूर है उन्हें पानी के लिए कई दिन इंतज़ार करना पड़ता है। किसी को पानी की बोतलें खरीदनी पड़ती है तो किसी के यहां दिन में 20 मिनट के लिए बोरवेल से आए पानी में भी ज्यादा से ज्यादा 3 बाल्टियां भरने का मौका मिलता है।
प्रश्न 5: जनसुविधाएं क्या होती है? जनसुविधाएं मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी सरकार पर क्यों होनी चाहिए ?
उत्तर: पानी की तरह कुछ अन्य सुविधाएं भी है जिनका हर व्यक्ति के लिए इंतज़ाम किया जाना चाहिए। जैसे :- बिजली, सार्वजनिक परिवहन, विद्यालय और कॉलेज भी अनिवार्य चीज़े है। इन्हें जनसुविधाओं के नाम से जाना जाता है। किसी जनसुविधा की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि एक बार निर्माण हो जाने के बाद उसका बहुत सारे लोग इस्तेमाल कर सकते है। संविधान में जीवन के अधिकार का जो आश्वासन दिया गया है वह देश के सभी लोगों को प्राप्त है। इसलिए सरकार की बहुत सारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक यह है कि वह सभी लोगों को इस तरह की जनसुविधाओं का मुहैया कराना चाहिए।
प्रश्न 6: ऊपर के भाग में आए मुख्य विचारों पर चर्चा करें। जलापूर्ति में सुधार के लिए आपकी राय में क्या किया जा सकता है ?
उत्तर: पोतों एलेग्रे ब्राजील का एक शहर है। इस शहर में बहुत सारे लोग गरीब हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि दुनिया के दूसरे ज्यादातर शहरों के मुकाबले यहाँ शिशु मृत्यु दर बहुत कम है। यहाँ नगर जल विभाग ने सभी लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करा दिया है। शिशु मृत्यु दर में गिरावट के पीछे यह सबसे बड़ा कारण है। यहाँ पानी की औसत कीमत कम रखी गई है और गरीबों से केवल आधी कीमत ली जाती है। विभाग को जो भी फ़ायदा होता है। उसका इस्तेमाल जलापूर्ति में सुधार के लिए किया जाना चाहिए। सरकार द्वारा लोगों को पानी के व्यर्थ न भरने के लिए जागरूक करना चाहिए। वर्षा जल संग्रहण के बारे में बताना चाहिए।
प्रश्न 7: क्या आपको लगता है कि समुचित स्वच्छता सुविधाओं के अभाव से लोगों का जीवन प्रभावित होता है ? कैसे ?
उत्तर: समुचित स्वच्छता सुविधाओं के अभाव से लोगों का जीवन प्रभावित होता है, इससे वातावरण प्रदूषित होता है। हर घर में कोई ना कोई बीमार होता ही है। पानी में पनपते मच्छर हर किसी के लिए घातक सिद्ध हो सकते है।
प्रश्न 8: आपको ऐसा क्यों लगता है कि इससे औरतों और लड़कियों पर ज़्यादा गहरा असर पड़ेगा ?
उत्तर: ऐसा इसलिए क्योंकि औरतें और लड़कियाँ घर पर रहती है उनका काम घर से जुड़ा होता है। पानी में ज़्यादा काम करना पड़ता है जिससे सभी बीमारियों का ज़्यादा असर औरतों और लड़कियों पर ही पड़ेगा।