बच्चे काम पर जा रहे हैं के प्रश्न-उत्तर – कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 13

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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज पाठ 13 बच्चे काम पर जा रहे हैं

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1. कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मनमस्तिष्क में जो चित्र उभारता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।

उत्तर: कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने से हमारे मन में कुछ गरीब बच्चों की अत्यंत दयनीय स्थिति का चित्र उभरता है। आर्थिक स्थिति के खराब होने के कारण उनका बचपन खो गया है। अपनी तथा अपने परिवार की ज़िम्मेदारियों को उठाते ये दो हाथ निरंतर क्रियाशील हैं। इनकी आँखों में कुछ सपने हैं जिन्हें पूरा करने में ये असमर्थ हैं।

प्रश्न 2. कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए किकाम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?

उत्तर: कवि की दृष्टि में बच्चों के काम पर जाने की स्थिति को विवरण या वर्णन की तरह नहीं लिखा जाना चाहिए क्योंकि ऐसा वर्णन किसी के मन में भावनात्मक लगाव और संवेदनशीलता नहीं पैदा कर सकता है, कुछ सोचने के लिए विवश नहीं कर सकता है। इसे प्रश्न के रूप में पूछे जाने पर एक जवाब मिलने की आशा उत्पन्न होती है। इसके लिए समस्या से जुड़ाव, जिज्ञासा एवं व्यथा उत्पन्न होती है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 3.  सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं?

उत्तर: सुविधा तथा मनोरंजन के उपकरणों से वंचित होने का एक मात्र कारण समाज में व्याप्त वर्ग विभेद है। निम्नश्रेणी के बच्चों की आर्थिक स्थिति खराब है। अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए वे आय का ज़रिया मात्र बनकर रह गए हैं। जहाँ जीविका के लिए आर्थिक तंगी हो वहाँ मनोरंजन के साधन तथा जीवन के अन्य सुख-सुविधाओं की कल्पना करना भी असंभव जान पड़ता है।

प्रश्न 4. दिनप्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर: आज का मनुष्य इतना आत्मकेन्द्रित हो चुका है कि उसके पड़ोस की घटना की खबर भी उसे कभी-कभी ही लगती है। मनुष्य अपनी परेशानियों को सुलझाने में इतना व्यस्त है कि किसी और कि परेशानी की तरफ़ देखने तक की फुर्सत नहीं है। लोगों को कम कीमत में अच्छे श्रमिक मिल जाते हैं। इसलिए इसके विरुद्ध कदम उठाकर वे स्वयं को इस सुख से वंचित नहीं करना चाहते हैं।

प्रश्न 5. आपने अपने शहर में बच्चों को कबकब और कहाँकहाँ काम करते हुए देखा है?

उत्तर: मैंने अपने शहर में बच्चों को अनेक स्थलों पर काम करते देखा है। चाय की दुकान पर, होटलों पर, विभिन्न दुकानों पर, घरों में, निजी कार्यालयों में। मैंने उन्हें सुबह से देर रात तक, हर मौसम में काम करते देखा है।

प्रश्न 6. बच्चों को काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?

उत्तर: बच्चों का काम पर जाना एक बड़े हादसे के समान इसलिए है क्योंकि खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने की उम्र में काम करने से बालश्रमिकों का भविष्य नष्ट हो जाता है। इससे एक ओर जहाँ शारीरिक विकास अवरुद्ध होता है, वहीं उनका मानसिक विकास भी यथोचित ढंग से नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चे जीवनभर के लिए अकुशल श्रमिक बनकर रह जाते हैं। इससे उनके द्वारा समाज और देश के विकास में उनके द्वारा जो योगदान दिया जाना था वह नहीं मिलता है जिससे प्रगति की दर मंद पड़ती जाती है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 7. काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपनेआप को रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।

उत्तर: आज मुझे स्कूल जाना था। मैंने होम वर्क भी पूरा कर लिया था। परंतु क्या करूं? पिताजी बीमार हैं। माँ उनकी देखभाल में व्यस्त हैं। न पिता काम पर जा पा रहे हैं और न माँ। माँ ने मुझे अपनी जगह बर्तन-सफाई के काम पर भेज दिया। मैं यह काम नहीं करना चाहती और उस मोटी आंटी के घर में तो बिलकुल नहीं करना चाहती जिसने दरवाजे पर कुत्ता बाँध रखा है। मेरे घुसते ही कुत्ता भौंकने लगता है। डरते-डरते अंदर जाती हूँ तो मालकिन ऐसे पेश आती है जैसे मैं लड़की ने हूँ, बल्कि उसकी खरीदी हुई गुलाम हूँ। सच कहूँ, मुझे ग्लानि होती है। अगर मजबूरी न होती, तो मैं काम-धंधे की ओर मुड़कर भी न देखती।

प्रश्न 8. आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए?

उत्तर: मेरे विचार से बच्चों को काम पर इसलिए नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि इससे बच्चों का बचपन नष्ट होता है। वे जीवन भर के लिए मजदूर बनकर रह जाते हैं। बच्चों का काम पर जाना समाज के माथे पर कलंक है। इस कलंक से बचने के लिए बच्चों से बाल मजदूरी नहीं करवानी चाहिए।

पाठेतर सक्रियता

प्रश्न 9. किसी कामकाजी बच्चे से संवाद कीजिए और पता लगाइए कि
(
) वह अपने काम करने की बात को किस भाव से लेता/लेती है?
(
) जब वह अपनी उम्र के बच्चों को खेलने/पढ़ने जाते देखता/देखती है तो कैसा महसूस करता/करती है?

उत्तर: छात्र किसी कामकाजी बच्चे से स्वयं संवाद करें और उसके मनोभावों का पता लगाएँ।

प्रश्न 10. ‘वर्तमान युग में सभी बच्चों के लिए खेलकूद और शिक्षा के समान अवसर प्राप्त हैं’-इस विषय पर वादविवाद आयोजित कीजिए।

उत्तर: छात्र उक्त विषय पर वाद-विवाद का आयोजन स्वयं करें।

प्रश्न 11. ‘बाल श्रम की रोकथामपर नाटक तैयार कर उसकी प्रस्तुति कीजिए।

उत्तर: छात्र ‘बालश्रम की रोकथाम’ पर नाटक तैयार करें और उसकी प्रस्तुति दें।

प्रश्न 12. चंद्रकांत देवताले की कतिवाथोड़े से बच्चे और बाकी बच्चे’ (लकड़बग्घा हँस रहा है) पढ़िए। उस कविता के भाव तथा प्रस्तुत कविता के भावों में क्या साम्य है?

उत्तर: छात्र कविता को पढ़कर भावों की साम्यता का पता स्वयं करें।

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